scriptHanuman Ashtami 2021 जब हनुमानजी ने की श्रीराम और लक्ष्मण की प्राण रक्षा, भगवान ने दिया यह वरदान | Kalashtami Hanuman Jayanti Budhashtami Rukmini Ashtami Sri Ram | Patrika News
जयपुर

Hanuman Ashtami 2021 जब हनुमानजी ने की श्रीराम और लक्ष्मण की प्राण रक्षा, भगवान ने दिया यह वरदान

धार्मिक नजरिए से आज का दिन अहम है। आज पौष कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि और बुधवार का दिन है। बुधवार को अष्टमी तिथि के कारण आज बुधाष्टमी मनाई जा रही है. आज रूक्मिणी अष्टमी भी है जोकि श्रीकृष्ण की पटरानी देवी रूक्मिणी की जयंति के रूप में जानी जाती है। कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि होने से आज मासिक कालाष्टमी भी ननाई जा रही है. इसके साथ ही पौष माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि हनुमान अष्टमी के रूप में भी मनाई जाती है।

जयपुरJan 06, 2021 / 09:31 am

deepak deewan

Hanuman Jayanti

Hanuman Jayanti

जयपुर. धार्मिक नजरिए से आज का दिन अहम है। आज पौष कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि और बुधवार का दिन है। बुधवार को अष्टमी तिथि के कारण आज बुधाष्टमी मनाई जा रही है. आज रूक्मिणी अष्टमी भी है जोकि श्रीकृष्ण की पटरानी देवी रूक्मिणी की जयंति के रूप में जानी जाती है। कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि होने से आज मासिक कालाष्टमी भी ननाई जा रही है. इसके साथ ही पौष माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि हनुमान अष्टमी के रूप में भी मनाई जाती है।
ज्योतिषाचार्य पंडित सोमेश परसाई बताते हैं कि यह दिन हनुमानजी के पराक्रम के लिए जाना जाता है और इस मौके पर वस्तुतः विजय उत्सव मनाया जाता हैै। हनुमानजी की भक्ति और मनोकामना पूर्ति के लिए यह श्रेष्ठ दिन है। मान्यता है कि इस दिन हनुमानजी की पूजा अर्चना करने पर दुश्मनों पर हमारा वर्चस्व स्थापित होता है। खास बात यह है कि पौष कृष्ण पक्ष अष्टमी को हनुमान अष्टमी के रूप में मनाने की बात स्वयं श्रीराम ने कही थी। उन्होंने इस दिन हनुमानजी की पूजा-अर्चना करनेवालों की मनोकामना पूर्ति का भी वरदान दिया था।
इस संबंध में शास्त्रों में एक कथा है जोकि राम-रावण युद्ध से संबंधित है। इसके अनुसार भगवान राम और रावण के बीच युद्ध के समय अहिरावण भगवान राम और लक्ष्मण को पाताल लोक ले गया था। उसने पाताल लोक की देवी कामाक्षी देवी के समक्ष दोनों भाइयांें यानि श्रीराम और लक्ष्मणजी की बलि देने की तैयारी कर ली। इधर अहिरावण की कैद से श्रीराम-लक्ष्मण को मुक्त कराने के लिए हनुमानजी पीछा करते हुए पाताल लोक पहुंच गए। वहां उन्होंने अहिरावण का वध कर भगवान राम और लक्ष्मण की प्राण रक्षा की।
हनुमानजी के इस पराक्रम से भगवान राम बहुत प्रसन्न हुए। उन्होंने इस दिन को हनुमानजी के लिए समर्पित करते हुए इसे विजय उत्सव के रूप में मनाने को कहा। उन्होंने हनुमानजी को आशीर्वाद देते हुए कि आज के दिन को हनुमान अष्टमी के रूप में मनाया जाएगा। उन्होंने यह वरदान भी दिया कि इस दिन जो हनुमानजी की पूजा-अर्चना करेगा, उसकी जीवन में जीत होगी। उसकी मनोकामनाएं भी पूरी होगी। हनुमान अष्टमी के दिन विधिवत पूजा करते हुए हनुमानचालीसा का पाठ जरूर करना चाहिए।

Hindi News / Jaipur / Hanuman Ashtami 2021 जब हनुमानजी ने की श्रीराम और लक्ष्मण की प्राण रक्षा, भगवान ने दिया यह वरदान

ट्रेंडिंग वीडियो