इसे यूं समझ सकते हैं कि राजधानी जयपुर के दोनों नगर निगमों में सामान्य दिनों में करीब 800 प्रमाण पत्र जारी होते थे। अब प्रतिदिन 100 प्रमाण पत्र भी जारी नहीं हो पा रहे हैं। इतना ही नहीं, आर्मी अस्पताल, ईएसआई और रेलवे अस्पताल में होने वाले जन्म और मृत्यु के पंजीयन नहीं हो पा रहे हैं। आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग ने आदेश जारी कर 16 जून से नया प्रावधान लागू कर दिया।
किन मामलों में आ रही समस्या
-विवाह: वर-वधु में से एक राजस्थान से बाहर का है तो उसके पास जन आधार कार्ड नहीं होगा। ऐसे में विवाह प्रमाण पत्र नहीं बन पाएगा।
-जन्म: जन आधार नम्बर डालते ही माता-पिता का नाम स्वत: ही भर जाता है। ऐसे में आधार और जन आधार में कई लोगों के सरनेम में दिक्कत है या नाम अधूरा है। एडिट करने का विकल्प नहीं है।
-मृत्यु: मृतक का नाम जन आधार में होना जरूरी है। ऐसे में पुराने मामलों में दिक्कत आ रही है।
आदेश में ये
-जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए आवेदन के समय बच्चे के परिवार का जन आधार नामांकन या रसीद संख्या ली जाए।
-विवाह प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए वर और वधु के परिवार का जन आधार नामांकन संख्या ली जाए।
ये असर
-20 हजार से अधिक तीनों तरह के प्रमाण पत्र पूर्व में रोजाना जारी होते थे प्रदेश भर में।
-05 हजार के आस—पास ही प्रमाण पत्र अब जारी हो पा रहे हैं पूरे राज्य में।