अस्पताल में आइएलआइ मरीजों के लिए प्रशासन ने अलग से ओपीडी की व्यवस्था की है। मुर्दाघर के पास से चार कमरे ओपीडी के लिए शुरू किए गए हैं। ताकि मरीज बाहर ही डॉक्टर को दिखाकर वहीं से चला जाए। साथ ही यहीं पर दवाइयों की व्यवस्था की गई है। इससे पहले ओपीडी में आने वाले मरीजों का इंफ्रारेड से तापमान की जांच की जाती है। यदि कोई संदिग्ध दिखता है, तो उसे क्वॉरंटीन करवाया जाता है। इसके अलावा अस्पताल में 4-5 सिजेरियन और 8-10 सामान्य प्रसव रोजाना हो रहे हैं। आंखों की सर्जरी अगले सप्ताह शुरू कर दी जाएगी।
अस्पताल अधीक्षक ने बताया कि अभी आउटडोर में आने वाले मरीजों की संख्या में कमी आई है। लॉकडाउन से पहले जहां 2500 से 3000 का आउटडोर था वहीं अब घटकर 450-600 हो गया है। अस्पताल में आने वाला मरीज यदि खुद चलकर जा सकता है, तो सिर्फ उसे ही अंदर जाने दिया जाएगा। अटैंडेड तभी अस्पताल में आ सकता है, जब मरीज चलने लायक नहीं हो या उसकी तबीयत ज्यादा खराब हो। साथ ही मास्क नहीं पहनकर आने वालों का दो सौ रुपए का जुर्माना किया जाएगा। इसकी निगरानी के लिए अलग से टीम बनाई गई है।