वन्यजीव चिकित्सक अरविंद माथुर ने बताया सुबह बाहुबली अच्छे से घूम रहा था, बीमार भी नहीं था। दोपहर तीन बजे केयर टेकर ने देखा तो, वह कूलर के पास खडा-खडा कांप रहा था। ऐसे में कुछ ही देर में उसने दम तोड दिया। प्रथम दृष्टतया मौत का कारण हीट स्ट्रोक होना पाया गया है। हालांकि उसके लिए गर्मी से बचने के कूलर, फव्वारे आदि लगाए गए थे, लेकिन वह अमूमन धूप में चक्कर काटता रहता था। शनिवार को इसका पोस्टमाटर्म किया जाएगा और अंगों व रक्त आदि के नमूने कोरोना समेत अन्य जांच के लिए भेजे जाएंगे।
इधर, नाहरगढ जैविक उद्यान में भी मौत का सिलसिला बरकरार है। यहां रुद्र और शेर सिद्धार्थ की मौत के बाद एक जंगली बिल्ली का जोडे की भी मौत हो गई। नर जंगली बिल्ली ने चार जून को तो जंगली मादा बिल्ली ने शुक्रवार को दम तोड़ दिया है। सुबह इसका पोस्टमार्टम कर सैंपल बरेली स्थित आईवीआरआई में जांच के लिए भेजे है। इनकी मौत भी लेप्टोस्पायरोसिस के कारण होने की संभावना जताई जा रही है। यहां अब केवल एक ही जंगली बिल्ली का जोडा रह गया है। वहीं रुद्र और सिद्धार्थ की पोस्टमाटर्म रिपोर्ट अभी तक नहीं आई है। वन अधिकारियों ने बरेली जांच में संपर्क भी किया, लेकिन कोई राहत नहीं मिली। रिपोर्ट के बाद ही इनकी मौत के कारणों का पता चल सकेगा।
अकेली रह गई देवसेना शुतुरमुर्ग के जोडे (बाहुबली-देवसेना ) को मार्च 2018 में चेन्नई स्थित प्रजनन केंद्र से लाया गया था। करीब आठ महीने बाद ही कार्डियक अटैक से देवसेना की मौत हो गई थी। जिसके बाद से बाहुबली अकेला रह गया था। अकेले रहने से इसके स्वभाव में भी बदलाव हो गया था। इसके एक केयर टेकर को भी हमला करके घायल कर दिया था। इसी साल मार्च में चेन्नई से दो मादा शुतुरमुर्ग देवसेना-अवंतिका को लाए। लॉकडाउन में ही तीनों साथ रहने लगे थे, कुछ दिनों पूर्व अवंतिका ने अंडे भी दिए है, लेकिन बाहुबली-देवसेना की जोडी फिर से टूट गई है। खास बात है कि, सैलानी भी इस जोडी को खूब पसंद करते थे।