चौकाने वाली बात यह है कि, यह स्थिति तब बनी है, जब मेडिकल कॉलेज में चिकित्सकों की भारी कमी है और मौसमी बीमारियों के कारण अस्पतालों पर मरीजों का दबाव अत्यधिक है। हालांकि मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए 280 स्थायी पदों की भर्ती के लिए प्रमुख चिकित्सा शिक्षा सचिव को पत्र लिखा था।
इससे पहले, विभिन्न विभागाध्यक्षों ने भी पत्र लिखकर इनकी जरूरत बताई थी। बावजूद इसके, सरकार के स्तर पर इनकी सेवा अवधि बढ़ाने का निर्णय नहीं हो पाया। बताया जा रहा है कि इस संबंध में फाइल चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर के पास लंबित है।
डेढ़ वर्ष से दे रहे थे सेवाएं
इन रेजिडेंट डॉक्टरों का कहना है कि, वे गत डेढ़ वर्ष से सेवाएं दे रहे हैं। ऐकेडमिक रेजिडेंट, सीनियर रेजिडेंट और इंटर्न की हड़ताल के दौरान भी इन नॉन-ऐकेडमिक रेजिडेंट डॉक्टरों ने आउटडोर, इनडोर और ऑपरेशन थियेटर में सेवाएं दीं। कॉलेज प्राचार्य डॉ. दीपक माहेश्वरी का कहना है कि, इन रेजिडेंट डॉक्टरों की सेवा अवधि विस्तार पर जल्द ही निर्णय होने की संभावना है।