राजधानी जयपुर में लोगों को राहत देने के लिए जेडीए ने पट्टा जारी करने से लेकर पांच प्रमुख कार्यों को ऑनलाइन किया गया है। इसकी स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) भी जारी की गई है। नई एसओपी के तहत 24 दिन में पट्टा और 19 दिन में नाम ट्रांसफर का काम होगा। पहले दोनों काम के लिए 30 दिन निर्धारित कर रखे थे। निगरानी न होने की वजह से कई अधिकारी और बाबू फरियादियों को चक्कर कटवाते थे।
इसके अलावा उप-विभाजन, एक मुश्त लीज प्रमाण पत्र और लीज होल्ड से फ्री होल्ड प्रक्रिया को भी ऑनलाइन किया गया है। इस एसओपी में किस अधिकारी और कर्मचारी के पास फाइल कितने दिन तक रहेगी, यह भी तय कर दिया गया है। यदि निर्धारित समय में फाइल आगे नहीं बढ़ाई तो फाइल ऑटो फॉरवर्ड हो जाएगी। ऑटो फॉरवर्ड होने की स्थिति में संबंधित को जवाब भी देना होगा।
कुछ अधिकारी चाहते हैं कि फरियादी जेडीए में चक्कर न काटे। इसके लिए समय-समय पर ऑनलाइन व्यवस्था होती रही है। लेकिन जेडीए अधिकारी और कर्मचारी हर बार इसका तोड़ निकालकर फरियादियों को परेशान करते रहे हैं। इस बार न सिर्फ समय कम किया गया है, बल्कि ऑटो फॉरवर्ड का विकल्प भी दिया गया है। पूर्व में नियमित निगरानी न होने का फायदा भी कार्मिकों ने उठाया। कई बार तो स्थिति यह हो जाती है कि आवेदन के बाद फाइल एक ही जगह अटकी रहती है।
आंकड़ों से समझें
04 दिन से अधिक कोई भी नहीं रोक सकेगा फाइल 03-03 फाइलों की औचक चैकिंग की जाएगी अतिरिक्त आयुक्त की ओर से 120 से अधिक आवेदन इन 5 सेवाओं में आते हैं रोज
170 तक संख्या पहुंच जाती इन पांच सेवाओं में आवेदन होने की शिविर के दौरान 1000 से अधिक मामले लम्बित हैं जिनकी अवधि 30 दिन हो चुकी पार