रास्ते सम्बन्धी समस्याओं के निराकरण के लिए लिया निर्णय
ग्रामीण क्षेत्रों में रास्तों की भूमि पर अतिक्रमण को लेकर जनसुनवाई के दौरान बड़ी संख्या में परिवाद प्राप्त हो रहे हैं। रास्तों को लेकर न्यायालय में भी वाद दायर किए जाते रहते हैं। ऐसे प्रकरणों में निरन्तर बढ़ोतरी होने से आमजन को न्यायालय के चक्कर लगाने एवं जन-धन की हानि होने के साथ-साथ क्षेत्र की कानून व्यवस्था भी प्रभावित होती है। इसलिए प्रशासन ने रास्ते सम्बन्धी समस्याओं के निराकरण के लिए ‘रास्ता खोलो अभियान’ चलाने का निर्णय लिया है। सप्ताह में कम से कम तीन रास्तों की समस्या का करेंगे समाधान
जिला कलेक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने बताया कि सभी खंड विकास अधिकारी अपने क्षेत्रों में आवश्यक संसाधन उपलब्ध करवाने में सहयोग करेंगे। उपखण्ड अधिकारी सप्ताह में एक बार तहसीलदार, थानाधिकारी, विकास अधिकारी के साथ रास्तों से सम्बन्धित प्रकरणों की समीक्षा करेंगे तथा खोले जाने वाले रास्तों का चिन्हीकरण कर सप्ताह में कम से कम तीन रास्तों की समस्या का समाधान करेंगे। बंद रास्ते खुलवाए जाने के पश्चात खंड विकास अधिकारी संबन्धित खोले गए रास्तों पर ग्रेवेल/सी.सी. रोड़ बनवाया जाना सुनिश्चित करेंगें ताकि फिर से कोई रास्ते पर अतिक्रमण नहीं कर पाए।
शुक्रवार को कार्यवाही संभव करने का होगा प्रयास
जिला कलेक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने बताया कि रास्ता खोलो अभियान के दौरान प्रत्येक शुक्रवार को अतिक्रमण हटाने, रास्ता खुलवाने के लिए राजस्व अधिकारियों, पुलिस द्वारा संयुक्त कार्यवाही की जाएगी। यदि किन्हीं कारणों से शुक्रवार को कार्यवाही संभव नहीं हो तो शनिवार अथवा आगामी कार्य दिवस को अनिवार्य रूप से की जाएगी।
अतिरिक्त जिला कलक्टर (प्रथम) होंगे नोडल अधिकारी
रास्ता खोलो अभियान के सफल क्रियान्वयन एवं पर्यवेक्षण के लिए समग्र रूप से अतिरिक्त जिला कलक्टर (प्रथम) नोडल अधिकारी रहेंगे। अतिरिक्त जिला कलक्टर (चतुर्थ) सह-नोडल अधिकारी रहेंगें। वहीं, सभी अतिरिक्त जिला कलेक्टर भी अपने अपने आवंटित क्षेत्र में प्रभावी पर्यवेक्षण करेंगे एवं संबंधित उपखंड अधिकारी अपने-अपने क्षेत्र के प्रभारी अधिकारी रहेंगे।
जानें किन प्रकरणों का होगा निस्तारण
रास्ता खोलो अभियान के तहत आम रास्तों, गोचर भूमि पर अतिक्रमण को हटाने, बंद किए जा चुके खातेदारी रास्तों को खुलवाने, राजस्व अभिलेख में दर्ज रास्ते, काश्तकारों की कृषि जोत के विभाजन करने से पूर्व रास्तों का प्रावधान करने, रास्ते निकालने, राजकीय भूमि से अतिक्रमण हटाने, राजकीय भूमि पर से सार्वजनिक रास्ता निकालने तथा खातेदार किसान को उसकी जोत यानी खेत तक पहुंचने के लिए राजकीय चारागाह भूमि में से होकर रास्ता देने तथा खातेदारी भूमि में से होकर नवीन रास्ते निकालने और विद्यमान रास्ते को चौड़ा करने संबंधी प्रकरणों का निस्तारण किया जाएगा।