ईएनटी विभाग के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. पवन सिंघल ने बताया कि सांगोद निवासी बालिका सना ने गलती से मुंह में पिन ले ली, जो सांस लेने पर फेफड़े के निचले हिस्से में जाकर फंस गई। परिजन उसे कोटा स्थित सरकारी अस्पताल की इमरजेंसी में लेकर पहुंचे। वहां उन्होंने एक्सरे करवाया और उसे एसएमएस अस्पताल रेफर कर दिया गया। यहां भी इमरजेेंसी में चिकित्सकों ने पिन निकालने की कोशिश की, लेकिन सफल नहीं हुए। उसे टीबी अस्पताल रेफर किया गया, वहां पर भी इलाज नहीं हो सका।
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बुधवार को उसे पुन: एसएमएस अस्पताल रेफर किया गया। जहां उसकी दोबारा जांच की गई और गुरुवार को एंडोस्कॉपिक तकनीक से बिना कोई चीरा लगाए पिन निकाल दी गई। चिकित्सकों का कहना है कि ऐसा मामला पहली बार आया है। इस सफल ऑपरेशन करने वाली टीम में डॉ. पवन सिंघल, डॉ. कैलाश जाट, डॉ. मनोज, डॉ. जितेंद्र व उनकी टीम शामिल रही।