अब कॉलेजों में बीबीए और बीसीए के साथ एमबीए की पढ़ाई भी कराई जाएगी। जयपुर महाविद्यालय सहित सात कॉलेजों में एमबीए पाठ्यक्रम शुरू किए गए हैं। इन
कॉलेजों में शिक्षकों के पद भी स्वीकृत किए गए हैं। जयपुर महाविद्यालय जिले का पहला ऐसा सरकारी कॉलेज होगा, जहां परंपरागत कोर्स के साथ इस तरह के नए कोर्स शुरू किए गए हैं।
यह फायदा होगा
एमबीए पाठ्यक्रम शुरू होने से छात्रों को प्रबंधन की पढ़ाई करने का अवसर मिलेगा। यह न केवल छात्रों के लिए एक सुनहरा अवसर है, बल्कि इससे सरकारी कॉलेजों में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में एक नई दिशा भी देखने को मिल रही है। एमबीए पाठ्यक्रम के माध्यम से छात्रों को उच्च गुणवत्ता की शिक्षा प्रदान की जाएगी, जिसमें कम शुल्क पर मैनेजमेंट के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन करने का अवसर मिलेगा।
यह खासतौर पर उन छात्रों के लिए फायदेमंद होगा जो वित्तीय संसाधनों के मामले में सीमित हैं। पाठ्यक्रम न केवल पारंपरिक शिक्षण विधियों पर निर्भर करेगा, बल्कि इसमें नवीनतम शिक्षण तकनीकों का भी समावेश किया जाएगा। छात्रों को प्रायोगिक अनुभव, केस स्टडीज और उद्योग से जुड़े विशेषज्ञों के साथ संवाद करने का अवसर मिलेगा। इससे न केवल उनकी अकादमिक क्षमता में वृद्धि होगी, बल्कि वे व्यावसायिक दुनिया में भी बेहतर तरीके से प्रवेश कर सकेंगे।
स्थायी शिक्षक भी लगेंगे
कॉलेज
आयुक्तालय की ओर से राजकीय कॉलेज जयपुर, सम्राट पृथ्वीराज चौहान राजकीय महाविद्यालय अजमेर, महारानी जया राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय भरतपुर, राजकीय डूंगर महाविद्यालय बीकानेर, राजकीय महाविद्यालय जोधपुर, राजकीय वाणिज्य महाविद्यालय कोटा, राजकीय मीरा कन्या महाविद्यालय
उदयपुर में एमबीए पाठ्यक्रम शुरू किया गया है।
जयपुर में पहले सांगानेर कॉलेज में यह पाठ्यक्रम शुरू किया गया था, जिसे संशोधित कर जयपुर कॉलेज में शुरू किया गया है। इन कॉलेजों में सह आचार्य, ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट ऑफिसर, सूचना सहायक, कनिष्ठ सहायक, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पद स्वीकृत किए गए हैं।