जेडीए अधिकारियों का तर्क है कि इस इलाके में आबादी की आवाजाही रहती है, इस वजह से रपट का निर्माण किया जा रहा है। जब पत्रिका टीम ने मौके पर जाकर देखा तो रपट के दोनों ओर एक भी मकान नहीं हैं। एक तरफ फिनटेक पार्क की बाउंड्री है और दूसरी ओर खेत हैं और फिर रेलवे लाइन है। इसके बाद मानसरोवर रीको इंडस्ट्रियल एरिया आ जाता है।
यहां कोई उपयोगिता नहीं
जहां रपट बन रही है, उसके दोनों ओर 500-500 मीटर तक आबादी नहीं है। इसके बाद कॉलोनी शुरू होती है। ऐसे में यदि 500 मीटर दूर रपट का निर्माण होता तो लोगों को जरूर फायदा हो सकता था।
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पिछले जेडीसी की अनुमति से रपट का काम हो रहा है। इस पर करीब 1.6 करोड़ रुपए खर्च हो रहे हैं। लोगों की आवाजाही के लिए बनाया गया है। दोनों ओर लोग रहते हैं।
– दीपक माथुर, एक्सईएन जेडीए
रपट का निर्माण जेडीए ने गलत करवाया है। यहां पर इसकी कोई उपयोगिता नहीं है। तेज बारिश होने की स्थिति में पानी की निकासी भी नहीं हो पाएगी।
– अरुण शर्मा, चेयरमैन, ग्रेटर निगम