एडीसीपी धर्मेन्द्र सागर ने बताया कि मूलत: दौसा निवासी वरिष्ठ लिपिक की एक वर्ष पहले बूंदी में पोस्टिंग थी। आरोपी दम्पती और पीडि़त एक ही बिल्डिंग में रहते थे, तब उनकी मुलाकात हो गई। आरोपी महिला ने पीड़ित को अपने प्यार में फंसाकर संबंध बनाकर उसका वीडियो बना लिया। इसके बाद महिला पीडि़त से रुपए एंठने लग गई थी। तब पीडि़त ने परेशान होकर के अपना तबादला अलवर करवा लिया था। ब्लैकमेल कर पीडि़त के जरिए महंगा सामान भी खरीदती और एक बार महंगे जूते भी खरीदे।
सोशल मीडिया के जरिए पहुंची घर
एडीसीपी सागर ने बताया कि पीडि़त ने अलवर में अपना मोबाइल बंद कर लिया। पीडि़ता उसकी तलाश में जुटी थी। फेसबुक पर पीडि़त को तलाश लिया और उसके दौसा क्षेत्र स्थित आवास पर पहुंच गई। परिवार वालों को ब्लैकमेल किया। पीडि़त के पिता से 20 लाख रुपए मांगे। लेकिन सौदा 18 लाख रुपए में तय किया।
दलाल तैयार हो गया रुपए दिलाने पुलिस ने बताया कि दम्पती के हंगामे को देखकर दौसा के महुआ निवासी शिवराम मीणा दलाल बन गया। दलाल ने दम्पती को कहा कि डेढ़ लाख रुपए उसे दे तो वह उनके लिए लेन-देन की बात करे। इतनी बड़ी राशि नकद नहीं होने पर दम्पती 3 लाख नकद और 15 लाख का चेक लेने को तैयार हो गए। बाद में रुपए गुरुवार को देना तय हुआ। तब पीडि़त ने संजय सर्कल थाना पुलिस को इस संबंध में रिपोर्ट दी।
रुपए लेते ही पकड़ा
संजय सर्कल थानाधिकारी शफीक खान ने बताया कि टोंक के तृप्ति विहार निवासी प्रिया शर्मा और उसके पति विवेक शर्मा और महुआ निवासी दलाल शिवराम मीणा को रुपए लेते ही गिरफ्तार कर लिया।