एडिशनल डीसीपी अवनीश शर्मा ने बताया कि गुजरात निवासी (सरगना) सतीश कानानी है। जबकि उसके तीनों साथी बिहार निवासी इंजीनियर सुधीर कुमार सुमन, आशीष कुमार ङ्क्षसह, हर्षजीत राजपूत है। उन्होंने बताया कि शिप्रापथ थाने में शांति नगर निवासी राजीव शर्मा ने धोखाधड़ी कर 8 लाख रुपए हड़पने का मामला दर्ज कराया। रिपोर्ट में बताया कि उनकी बेटी ने नीट परीक्षा 2019 उत्तीर्ण की थी। उनके पास 21 अगस्त को गोवा मेडिकल कॉलेज से फोन आया। और बताया कि उनकी बेटी का मॉप अप राउण्ड के लिए चयन हो गया है। 23 सितम्बर तक बेटी के सभी मूल कागजात और 8 लाख रुपए नगद लेकर गोवा मेडिकल कॉलेज में पहुंच जाएं। मेडिकल कॉलेज में सरगना डॉ. आकाश के नाम से पीडि़त से मिलता है। वहां परिसर में घूमाने के बाद कैंटीन में चाय पिलाने ले गया। फार्म भी भरवाया। यह सब देख विश्वास हो गया और 8 लाख रुपए आरोपियों को दे दिए। 17 लाख रुपए बाद में देना तय हुआ। लेकिन इसके बाद आरोपियों पर शक हुआ। पता किया तो कॉलेज से ऐसा कोई मैसेज ही नहीं था। अब गिरोह के लोग 17 लाख रुपए मुम्बई लेकर बुला रहे हैं।
17 लाख मुम्बई मंगवाए तो तीन को पकड़ा थानाधिकारी सुरेन्द्र यादव ने बताया कि गिरोह के पकड़े गए तीनों लोगों को 17 लाख रुपए देने के बहाने मुम्बई से पकड़ा। इनमें इंजीनियर सुधीर पहले नोएडा में काम करता था। सुधीर की सरगना सतीश से मुलाकात हुई। बाद में इन्होंने गिरोह बना इस तरह की ठगी करना शुरू कर दिया। आरोपी हर्षजीत का सामान्य ज्ञान भी बहुत अच्छा है। वह फोन पर शिकार से बात करता और पीडि़त व्यक्ति द्वारा पूछे जाने वाले हर प्रश्न का उत्तर देता है। ताकि पीडि़त को शक नहीं हो सके। सरगना सतीश ने फार्मासिस्ट कोर्स भी कर रखा है। आरोपी फ्लाइट से बेंगलुरु, कोलकाता और फिर गोवा गया। यहां से सूरत घर पर पहुंचा, जहां पहले से मौजूद पुलिस टीम ने उसको पकड़ लिया। ठगी के आठ लाख रुपए अभी बरामद नहीं हो सके।
10 से 20 नंबर कम होने वाले छात्र शिकार पुलिस ने बताया कि आरोपी ऐसे छात्र-छात्रा को तलाशते, जिनके मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के लिए 10 से 20 नंबर कम होते हैं। सरगना सतीश इसी तरह ठगी के मामले में तीन साल तक जेल में रह चुका।