तब थाने में उनकी गुमशुदगी दर्ज करवाई गई। कैलाश ने कानोता क्षेत्र में पहुंचकर अपना मोबाइल बंद कर लिया। कार की नंबर प्लेट भी बदल ली और उस पर लगे फास्ट टैग को भी हटा दिया था। डीसीपी अमित कुमार ने बताया कि दोनों बेटियों के साथ माता-पिता के लापता होने के बाद पुलिस टीम उनकी तलाश में जुटी थी। पति-पत्नी के बंद मोबाइल सर्विलांस पर ले रखे थे। कैलाश ने इंटरनेट उपयोग में लेने के लिए डोंगल काम में लिया, तब उनके चित्रकूट स्थित एक आश्रम में होने की जानकारी मिली और परिवार वहां पर मिल गया।