एक माह पहले अलग हो गए थे
पूछताछ में गौरव ने बताया कि पुलिस से बचकर जयपुर से रेवाड़ी चले गए थे। एक माह पहले रेवाड़ी में पिता बीमार हो गए। बीमार पिता की वजह से पकड़े जाने का डर था। इसके कारण पिता को रेवाड़ी में ही छोड़कर ऋषिकेश चला गया। कुछ दिन ऋषिकेश की एक होटल में ठहरने के बाद ठिकाना बदलने के लिए हरिद्वार आ गया। हरिद्वार में एक धर्मशाला में कमरा लेकर ठहर गया था। एडिशनल डीसीपी ने बताया कि आरोपी के हरिद्वार में होने की पुख्ता सूचना पर उसे वहां से शनिवार को गिरफ्तार किया। पांच दिन की रिमांड पर
आरोपी को
जयपुर लाकर रविवार को न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे पांच दिन के रिमांड पर सौंपा है। आरोपी से उसके पिता के छिपने के ठिकानों के संबंध में पूछताछ की जा रही है। साथ ही गौरव की पत्नी की भी तलाश की जा रही है।
ये था मामला
अमरीका निवासी चेरिस नौरते ने 18 मई को माणक चौक थाने में धोखाधड़ी का मामला दर्ज करवाया था, जिसमें बताया कि सिविल लाइंस स्थित भगवत वाटिका निवासी आरोपी राजेन्द्र सोनी और राजेन्द्र के सी-स्कीम निवासी बेटे गौरव ने छह करोड़ रुपए के रत्न जडि़त सोने के आभूषण दिए थे। जांच में सोने के आभूषण नकली निकले और 14 की बजाय 9 कैरेट सोना ही था। जबकि डायमंड की जगह चीन के मोजोनाइट पत्थर लगा रखे थे। मामले का अनुसंधान एडिशनल डीसीपी बजरंग सिंह शेखावत को सौंपा गया।
अनुसंधान अधिकारी ने मामले में रत्न जडि़त आभूषण की गुणवत्ता का प्रमाण पत्र जारी करने वाले मानसरोवर निवासी नंदकिशोर वाल्मीकि को 6 जून को गिरफ्तार किया था। हाल ही फरार पिता-पुत्र के खिलाफ कोर्ट से वारंट जारी करवाया। आरोपी गौरव सोनी ने ठगी की रकम में से करीब साढ़े तीन करोड़ रुपए कीमत का एक फ्लैट सी स्कीम में खरीद लिया था।