बता दें यह वह मामला है, जिसमें सीरियल बम विस्फोट के दौरान चांदपोल बाजार दुकान नंबर 17 के सामने रेंजर साइकिल पर पीछे रखे बैग में जिंदा बम मिला था। यह मुकदमा कोतवाली थाने के तत्कालीन कांस्टेबल हनुमान सहाय ने दर्ज कराया था। बाद में इसे बम निरोधक दस्ते ने निष्क्रिय कर दिया था।
राजस्थान एटीएस ने बम विस्फोट के आठ मुकदमों में चार्जशीट पेश की थी, जबकि जिंदा बम मिलने वाले मामले में अभी अनुसंधान ही चल रहा है। जिंदा बम रखने और साजिशकर्ता के मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी शेष है। जल्द एटीएस इस मामले में शाहबाज को गिरफ्तार कर सकती है। जिंदा बम मिलने पर 153, 153 (ए) आइपीसी, 4, 3, 6, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, 16 (ए) व 18 विधि विरूद्ध क्रिया कलाप में मामला दर्ज है। उधर, जेल प्रशासन द्वारा दर्ज कराए गए मामले भी विचाराधीन है।
दिल्ली-मुम्बई में भी मामले एटीएस सूत्रों के मुताबिक, शाहबाज के खिलाफ दिल्ली और मुम्बई में भी दो मामले लंबित चल रहे हैं। दिल्ली में वर्ष 2001 में तहसील चौक थाने में दर्ज मुकदमा नंबर 532 में वांटेट है। उक्त मामले में जेल प्रशासन को 9 दिसम्बर को ही आरोपी के खिलाफ वारंट मिला था। जबकि मुम्बई में वर्ष 2006 में यूएपी एक्ट, 10 और 13 विधि विरूद्ध क्रिया कलाप मामला दर्ज है।
अनुसंधान जारी है एटीएस-एसओजी के एडीजी अनिल पालीवाल ने बताया कि मुकदमा नंबर 121 में अनुसंधान जारी है। उक्त मामले में जांच अधिकारी आला अधिकारियों से विचार विमर्श कर आगे की कार्रवाई करेगा।
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