13 घंटे में पूरी की दौड़
शिवांगी के पिता विमल सारडा ने बताया कि इस प्रतियोगिता के लिए शिवांगी ने 4 महीने तक 14 से 16 घंटे तक कठोर ट्रेनिंग की है। आयरनमैन रह चुके जयपुर के अमित चतुर्वेदी ने शिवांगी को तैरने और दौडऩे का प्रशिक्षण दिया। वहीं साइकिलिंग की ट्रेनिंग विजेन्द्र सिंह ने दी। प्रतियोगिता में दुनियाभर से ढाई हजार से ज्यादा एथलीट्स ने हिस्सा लिया था। शिवांगी ने प्रतियोगिता में टाइम बाउंड कट ऑफ टास्क 15 घंटे 30 मिनट में पूरा करना होता है। शिवांगी ने 225.6 किमी लंबी रेस को 13 घंटे, 47 मिनट, 23 सेकंड में 3.2 किमी स्विमिंग, 180.2 किमी साइकिलिंग और 42.2 किमी रनिंग कर आयरनमैन खिताब हासिल किया। इससे पहले वह शंघाई में 70.30 किमी की हाफ मैराथन और जैसलमेर में 50 किमी की अल्ट्रा मैराथन (तृतीय) में भी हिस्सा ले चुकी हैं।
6 साल की उम्र से स्पोर्ट्स में
शिवांगी की मां नीता सारडा ने बताया कि शिवांगी ने 6 साल की उम्र में बास्केटबॉल खेलना शुरू कर दिया था। नेशनल लेवल पर बास्केटबॉल खेलते हुए, वह इंडिया टीम को रिप्रेजेंट कर चुकी हैं। दिल्ली के लेडी श्रीराम कॉलेज में पढ़ाई के दौरान भी वह बास्केटबॉल टीम की कैप्टन रहीं। राजस्थान स्टेट के लिए इन्हें लगातार तीन साल तक बेस्ट प्लेयर अवॉर्ड भी मिला है। ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में डिक्कन यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के दौरान उन्होंने 2016-17 में मैराथन में हिस्सा लेनेा शुरू कर दिया। शिवांगी एथलेटिक्स और क्रिकेट में भी अपनी पहचान बनाई है। इन्होंने 2019 में अपना फिटनेस सेंटर शुरू किया और अब लोगों को मैराथन, आयरनमैन और एथलेटिक्स के लिए ट्रेनिंग करती हैं।