मामले के जांच अधिकारी सीआई श्रवण कुमार ने बताया था कि दीपक शर्मा ने साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन पर मामला दर्ज करवाया था कि एक अप्रेल को वाट्सएप पर उसे मिले मैसेज में सोशल मीडिया के माध्यम से प्रत्येक माह तीन से पांच हजार रुपए कमाई का प्रस्ताव दिया गया था। इंस्टाग्राम अकाउंट को फोलोकर उसकी पोस्ट को लाइक कर स्क्रीन शॉट टेलीग्राम के एक ग्रुप में शेयर करने का टास्क दिया गया। बाद में इनवेस्टमेंट करने का टास्क देकर उससे एक करोड़ एक लाख रुपए की ठगी कर ली गई।
31 बैंक खातों की जांच में खुली परतें एसओजी की जांच में सामने आया कि दीपक शर्मा से ठगी गई राशि को अलग-अलग बैंक खातों में जमा करवाया गया था। एसओजी ने खातों की जांच की तो सामेन आया कि ठगों से जुड़ेे 31 बैंक खातों में महज 15 दिन में एक अरब की राशि का लेन-देन हुआ है। जांच में पता चला कि खाता धारक आनंद नेहरा के साथ सचिन ख्यालिया और अभिषेक बाजिया ने मिलकर एक खाते में दीपक शर्मा से 19 अप्रेल को पांच लाख रुपए प्राप्त किए हैं। इस खाते में महज एक दिन में 2 करोड़ 87 लाख रुपए जमा किए गए हैं। ऐेसे में इन्हें गिरफ्त में लेकर पूछताछ की गई तो 12 अन्य खातों की जानकारी मिली। इन खातों के दस्तावेज पीसांगन अजमेर निवासी रवि साहू व सचिन के पास होना सामने आया। इनसे पूछताछ में आईसीआईसीआई बैंक खाता धारक आनंद नेहरा के खाते से प्राप्त सभी दस्तावेज थाना आमेट राजसमंद निवासी देवीलाल सुथार के पास होने की जानकारी सामने आई। देवीलाल से पूछताछ में सामने आया कि गिरोह को लम्बे समय से विभिन्न जिलों से युवकों खाता दस्तावेज आकोला, जिला चित्तोडगढ़़ के हरिशंकर जाट को उपलब्ध करवा रहा है। हरिशंकर को इस कार्य के बदले चार लाख रुपए मिलते थे।
चित्तोडगढ़़ से संचालित किए जा रहे थे खाते गिरोह बैंक खाते चित्तोडगढ़़ से संचालित कर रहा था। जांच अधिकारियों का मानना है कि चित्तोडगढ़़ के अकोला, कपासन और फतेहनगर क्षेत्र में यह गिरोह सक्रिय है। मेवात व जामताड़ा क्षेत्र के लोग इस तरह की वारदात में सक्रिय है।