अंडरपास ही समाधान लम्बे समय से रेलवे अंडरपास की दरकार है, लेकिन सुनवाई नहीं हो रही है। सुबह 8:30 से 11 बजे और शाम पांच से आठ बजे तक तो स्थिति विकट होती है। फाटक से सटकर ऑटो संचालकों ने कब्जा जमा रखा है। सड़क पर थड़ी-ठेले वाले जम गए हैं। मुख्य बाजार की 60 फीट रोड 10 से 15 फीट की ही नजर आती है।
खास-खास – 50 हजार से अधिक लोगों की आवाजाही होती है इस फाटक से -इस बजट में राज्य सरकार ने सीबीआइ फाटक पर की है आरओबी बनाने की घोषणा कोई कुछ कहने वाला नहीं
-दुकानों के आगे अतिक्रमण हैं। 10 से 15 फीट तक कब्जा जमा रखा है। कुछ ने तो पक्के निर्माण तक कर लिए हैं। -रेलवे ट्रैक के किनारे वाली रोड जेडीए प्लान में 100 फीट की प्रस्तावित है, लेकिन पीक ऑवर्स में मौके पर निकलने की जगह ही नहीं मिलती।
– शनिवार और रविवार को बाजार में ग्राहकों की संख्या अधिक होती है। ऐसे में पैदल चलना मुश्किल हो जाता है। सड़क पर ही खड़े हो रहे वाहन -महल रोड से फाटक पार करने बाद बाजार की ओर जाने वाली सड़क 60 फीट की है। सड़क पर दोनों ओर वाहन खड़े रहते हैं और उसके बाद थड़ी-ठेला संचालकों ने कब्जा जमा रखा है। दुकानों के बाहर भी अतिक्रमण है।
– 24 घंटे में रेलवे फाटक 48 से 50 बार बंद होता है। फाटक खुलते ही हालात बिगड़ जाते हैं और कई बार तो आमने-सामने वाहन हो जाते हैं। वाहन चालकों में आए दिन तू-तू मैं-मैं होती रहती है।
एक अभियान चला जेडीए भी शांत जुलाई में जेडीए ने सड़कों को अतिक्रमण से मुक्त कराने का अभियान शुरू किया। पहले चरण में 11 प्रमुख सड़कों पर कार्रवाई की गई। इसमें गोपालपुरा बाइपास, न्यू सांगानेर रोड, वैशाली नगर, एमआइ रोड सहित अन्य सड़कों को शामिल किया था। तीस जुलाई तक अभियान चला। दूसरा चरण अब तक जेडीए की प्रवर्तन शाखा शुरू नहीं कर पाई।
ये समाधान आरयूबी ही इस जाम से निजात दिलाने का स्थायी समाधान है। उससे पहले जेडीए और ग्रेटर निगम मिलकर अभियान चलाएं और सड़कों को अतिक्रमण से मुक्त कराएं। -यातायात पुलिस के तीन से चार जवान यहां तैनात रहें और ट्रैफिक को सुचारू रखने में मदद करें।