अपने बयान में सटोरिये महेंद्र सिंह ने बताया कि जब 6 अप्रैल को जयपुर के एसएमएस स्टेडियम में रॉयल चैलेंजर बैंगलुरु बनाम राजस्थान रॉयल के बीच आईपीएल का मैच था, तब वह अपने दोस्त विक्रम चैधरी के साथ मैच देखने के लिए टिकट का जुगाड़ कर रहा था। उन्होंने आईपीएल टिकट ऑनलाइन और ऑफलाइन खरीदने की बहुत कोशिश की। टिकट न मिलने पर मुफ्त पास की भी व्यवस्था में जुट गए, लेकिन वह भी नहीं मिला। इसी बीच पता चला कि नरेंद्र सिंह नामक व्यक्ति टिकट की व्यवस्था करवा देता है। बातचीत के बाद उसने एसएमएस स्टेडियम के नॉर्थ गेट पर मिलने बुलाया। नरेंद्र सिंह ने बताया कि उसके पास 3 टिकट हैं जिसकी कीमत 75 हजार रुपए (1 टिकट 25 हजार की) है। फिर हमनें 75 हजार रुपए में टिकट उससे खरीदे।
75 हजार की टिकट खरीदकर तीनों एसएमएस स्टेडियम के अजमेर रूफ टॉप पर बैठकर मैच का आंखों देखा हाल बताकर मोबाइल से सट्टा लगा रहे थे। इसी दौरान पुलिस ने इन तीनों को धड़ दबोचा। कॉम्प्लिमेंट्री पास बेचना अपराध है। इसके बादजूद भी नरेंद्र ने धोखे में रखकर इन्हें ये पास बेच डाले। पुलिस को शक है कि आरोपी नरेंद्र के पीछे कोई बड़ी गैंग सक्रीय है। फिलहाल पुलिस नरेंद्र के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच में जुटी है।
दरअसल राजस्थान रॉयल्स हर मैच में खेल विभाग, ब्यूरोक्रेट्स, निगम के अधिकारियों-कर्मचारियों और व्यापारियों को यह पास फ्री में देता है। जिसका वे कोई पैसे चार्ज नहीं करते। प्रत्येक मैच में वे तकरीबन 5 हजार से ज्यादा पास देते हैं। राजस्थान रॉयल्स के पास इसकी पूरी जानकारी रहती है कि कौन- सा सीरियल नंबर का पास किसके लिए जारी किया गया है। इस प्रकार पुलिस जांच में ये सामने आ पाएगा कि जो सीरियल नंबर का पास इन सटेरियों के पास था, वह किसको जारी किया गया था।