scriptराजस्थान में मरीजों के लिए मुसीबत लेकर आया इंटीग्रेटेड हेल्थ मैनेजमेंट सिस्टम | Integrated health management system trouble for Rajasthan patients | Patrika News
जयपुर

राजस्थान में मरीजों के लिए मुसीबत लेकर आया इंटीग्रेटेड हेल्थ मैनेजमेंट सिस्टम

राजस्थान के सबसे बड़े सवाई मानसिंह अस्पताल में हाल ही लागू इंटीग्रेटेड हेल्थ मैनेजमेंट सिस्टम (आइएचएमएस) ने मरीजों की मुसीबत बढ़ा दी है। मौजूदा स्थिति यह है कि उन्हें जांच रिपोर्ट लेने के लिए घनचक्कर होना पड़ रहा है।

जयपुरOct 16, 2022 / 02:48 pm

Anand Mani Tripathi

Sms Hospital

राजस्थान के सबसे बड़े सवाई मानसिंह अस्पताल में हाल ही लागू इंटीग्रेटेड हेल्थ मैनेजमेंट सिस्टम (आइएचएमएस) ने मरीजों की मुसीबत बढ़ा दी है। मौजूदा स्थिति यह है कि उन्हें जांच रिपोर्ट लेने के लिए घनचक्कर होना पड़ रहा है। कई मरीजों को बिना सैंपल जमा किए वापस लौटना पड़ रहा है। दरअसल, अस्पताल में शुक्रवार से आइएचएमएस सिस्टम लागू कर दिया गया। आइपीडी-ओपीडी के साथ रजिस्ट्रेशन और लेबोरेट्री में बिलिंग भी इसी सिस्टम से होने लगी हैं।

सर्वाधिक दिक्कत लेबोरेट्री में हो रही

सर्वाधिक दिक्कत लेबोरेट्री में हो रही है। पहले दिन बायो कैमिस्ट्री लैब की जांचों में देरी हुई। शनिवार को रिपोर्ट भी देरी से मिली। सामने आया कि पहले जांचों के लिए काउंटर से बिल व सीआर नंबर मिलते थे,अब केवल एचआइडी (हॉस्पिटल्स इन्फॉर्मेशन डिटेल) नंबर मिल रहे हैं। इससे लैब मेें सैंपल ढूंढ़ने में देरी हो रही है। काउंटर पर भी अगर मरीज के पास एचआइडी नंबर नहीं है तो उसे जनरेट करने का अधिकार नहीं है। सर्वर भी धीमे चल रहा है।

अब फ्री हो गया बंद

दूसरे राज्यों के मरीजों के एक्सरे,सोनोग्राफी के अलावा लैबों की कई जांचे फ्री होती थीं लेकिन नए सिस्टम के लागू होने के बाद उन्हें चार्ज देना पड़ रहा है। एक्सरे के 60 रुपए,सोनोग्राफी के 100 रुपए व अन्य जांचों के अलग-अलग चार्ज लिए जा रहे हैं।

अधूरी तैयारी बनी परेशानी

बताया जा रहा है कि पुराने सिस्टम को एकाएक बंद कर दिया गया। जबकि स्टाफ अभी तो नए सिस्टम को ठीक से समझ भी नहीं पाया। अस्पताल में कार्य बहिष्कार और त्योहारी सीजन के कारण मरीज भी कम पहुंच रहे हैं। इस कारण ज्यादा परेशानी नहीं हो रही।

कार्ड का प्रिंट खराब, वापस लौटा दिए सैंपल

आइएचएमएस सिस्टम से बन रहे कार्ड में अक्षर छोटे दिख रहे हैं। कई गेट पास के प्रिंट भी खराब आ रहे हैं। ट्रोमा सेंटर से 33 नंबर पर सैम्पल जमा कराने आई बुजुर्ग महिला को गेट पास का प्रिंट खराब होने के कारण जानकारी स्पष्ट न होने से वापस भेज दिया गया। इसके अलावा महिला, जनाना, कावंटिया समेत अन्य अस्पतालों से आने वाले कई सैंपल भी दो दिन से जमा नहीं हो रहे। पता चला कि उसी अस्पताल से एचआइडी नंबर की पर्ची लाना जरूरी है। ऐसे में कई मरीज वापस लौट रहे हैं।

Hindi News / Jaipur / राजस्थान में मरीजों के लिए मुसीबत लेकर आया इंटीग्रेटेड हेल्थ मैनेजमेंट सिस्टम

ट्रेंडिंग वीडियो