एनएसयूआई के प्रवक्ता रमेश भाटी ने बताया कि राजस्थान विवि ने करीब 27 हजार स्नातक और स्नातकोत्तर विद्यार्थियों से दुर्घटना बीमा के लिए फीस के साथ 100-100 रुपए ले लिए। राजस्थान विवि ने प्रति छात्र से 40 रुपए अधिक वसूल कर लिए। राजस्थान विवि ने करीब 27 हजार छात्रों से 10.80 लाख रुपए अधिक वसूल कर लिए। भाटी ने कहा है कि कोरोनाकाल में उपजे आर्थिक संकट में सरासर गलत है। जब विवि ने 100 रुपए लिए है तो इसी अनुसार दुर्घटना बीमा की सहायता राशि इसी अनुसार दिलाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा पिछले 2 सालों से विश्वविद्यालय में छात्र संघ के चुनाव नहीं हुए हैं जबकि प्रत्येक छात्र से 300 रुपए छात्र संघ वह अन्य गतिविधियों के लिए विश्वविद्यालय पहले ही ले चुका है। इस मामले में
डीएसडब्ल्यू सरीना कालिय का कहना है कि छात्रों से अधिक वसूली नहीं की जा रही है। शेष रुपए योजना के प्रचार—प्रसार और इस प्रक्रिया के काम में लगे नॉन टीचिंग स्टॉॅफ के लिए काम लिया जाएगा।