2022 में भारत को 41 अंकों के साथ 150वां स्थान मिला है जबकि 2021 की रैंकिंग में भारत को 53.44 अंकों के साथ 142वां स्थान मिला था। 2022 रैंकिंग में भारत राजनीतिक स्वतंत्रता में 40.76 अंकों के साथ 145 वें, आर्थिक स्वतंत्रता में 30.39 अंकों के साथ 149वें, लेजिस्लेटिव स्वतंत्रता में 57.02 अंकों के साथ 120वें, सामाजिक स्वतंत्रता में 56.25 अंकों के साथ 127वें और सेकुलर फ्रीडम में 20.61 अंकों के साथ 163वें स्थान पर है।
नया फैक्टर फेक न्यूज
इस बार की रैंकिंग में प्रेस फ्रीडम, सरकारी दखलअंदाज और मीडिया की कार्यप्रणाली के अलावा सोशल मीडिया पर फैल रही फेक न्यूज औऱ उसके प्रभाव पर भी ध्यान दिया गया है। रिपोर्ट में फेक न्यूज से लोकतंत्र के खिलाफ फैल रही अराजकता पर प्रकाश डाला गया है।
चीन की रैंकिंग सुधरी
सूचकांक में हैरान करने वाला स्थान चीन का है। तानाशाह शासन होने के बावजूद 2021 के मुकाबले चीन इस बार दो स्थान आगे बढ़ गया है। हालांकि चीन अब भी भारत से नीचे है और 175वें स्थान पर है, 2021 में इसका स्थान 177 वां था। वहीं अफगानिस्तान की स्थिति काफी ज्यादा बिगड़ गई है। 2021 में जहां अफगानिस्तान 59.81 अंक के साथ 122 वें स्थान पर था वहीं 2022 में 38.27 अंकों के साथ 156वें स्थान पर आ गया है।
पड़ोसी देशों से बेहतर हैं हम
भारत की स्थिति पिछली साल से बिगड़ी है लेकिन पड़ोसी देशों से हमारी स्थिति कहीं बेहतर है। चीन 175वें, पाकिस्तान 157वें, बांग्लादेश 162वें, म्यांमार 176वें और अफगानिस्तान 156वें स्थान पर है और सभी भारत से पीछे हैं। पड़ोसी देशो में सिर्फ नेपाल और श्रीलंका ही हमसे आगे हैं। नेपाल 76वें और श्रीलंका 146वें स्थान पर है।
2021 के मुकाबले घटी प्रेस स्वतंत्रता
रैंकिंग में सभी देशों को पांच अलग अलग स्थितियों में बांटा गया है। सबसे पहले अच्छी स्थिति में 8 देश हैं, इसके बाद संतोषजनक स्थिति में 40 देश, प्रॉब्लमेटिक स्थिति में 62, कठिन स्थिति में 42 व बहुत ज्यादा सीरियस स्थिति में 28 देश हैं। वहीं अगर 2021 में अच्छी स्थिति में 12 देश, संतोषजनक स्थिति में 36 देश, प्रॉब्लमेटिक स्थिति में 59 देश, कठिन स्थिति में 52 देश व बहुत ज्यादा सीरियस स्थिति में 21 देश थे।
इन आंकड़ों से साफ पता चलता है कि पूरे विश्व में प्रेस स्वतंत्रता इस साल संकट में रही है। अच्छी और संतोषजनक स्थिति में देशों की संख्या कम हुई है वहीं कठिन और सीरियस स्थिति में देशों की संख्या बढ़ी है। जाहिर है कि लोकतंत्र और प्रेस की स्वतंत्रता घटी है।
सबसे ज्यादा अंकों वाले देश सबसे कम अंक वाले 10 देश