दरअसल, एसएमएस अस्पताल में अक्टूबर 2023 में आइएचएमएस सिस्टम लागू किया गया। इसका उद्देश्य यह था कि मरीज को इलाज के लिए भटकना नहीं पड़े। उनके रजिस्ट्रेशन से लेकर इलाज की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन करने के दावे किए गए थे। इसके लिए डॉक्टरों को टेबलेट भी दिए जाने थे। हैरानी की बात है कि यह सिस्टम वर्तमान में खानापूर्ति ही साबित हो रहा है। क्योंकि सुधार की बजाय हाल जस के तस ही बने हुए हैं। कई बार इसके सुधार को लेकर अस्पताल प्रशासन ने मैराथन बैठकें भी कीं लेकिन धरातल पर कोई सुधार नहीं हो सका। जिसका खमियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। इतना ही नहीं, इस सिस्टम का केवल रजिस्ट्रेशन-भर्ती-डिस्चार्ज पर ही फोकस है। टूडीईको, सीटी स्कैन, एमआरआइ जैसी जांचे भी इसमें अपलोड नहीं हो पाती है।
यूं झेलनी पड़ रही परेशानी…
– वार्ड में मरीज की छुट्टी होने के बाद डॉक्टर को ऑनलाइन भी डिस्चार्ज करना पड़ता है लेकिन कई बार वो नहीं कर पाते हैं। इसकी वजह सर्वर डाउन बताया जाता है। ऐसी स्थिति में भर्ती होने वाले मरीज को काउंटर पर बेड फुल होने की बात कहकर भर्ती करने से मना कर दिया जाता है और उसे संबंधित विभाग के वार्ड में भेजते हैं।
आए दिन सर्वर डाउन की दिक्कत
-पड़ताल में सामने आया कि, आए दिन आइएचएमएस के सर्वर डाउन होने की समस्या बनी रहती है। जिससे भर्ती व डिस्चार्ज होने वाले मरीज घंटों परेशान होते रहते हैं। इसके अलावा इस सिस्टम पर रजिस्ट्रेशन करवाने, लैब की जांच रिपोर्ट प्राप्त करने में भी दिक्कत होती है।