रांका ने कहा कि प्रकृतिक क्रिया है कुंजल। उसे लगातार 14 दिन किया और अब भी कर करा हूं। इसमें भूखे पेट सुबह नींबू और नमक मिलाकर निवाए पानी को 6-7 ग्लास पिया जाता है। फिर इसे उल्टी करके बाहर निकालते हैं। इससे भीतर का कफ बाहर निकल जाता है। नाक और गला साफ हो जाता है।
रांका ने बताया कि इस प्रक्रिया के तहत नमक युक्त निवाए पानी को नाक के एक छेद से अंदर लेकर दूसरे छेद से बाहर निकलाते हैं। दिन में मैं इसे चार बार करता था।
उन्होंने कहा कि जन नेति क्रिया के तुरंत बाद प्राणायाम करना आवश्यक होता है। अलग-अलग तरह के प्राणायाम करने से किसी भी प्रकार का वायरस चाहे नाक में हो, गले में हो या लंग्स में हो उसे बाहर निकाला जा सकता है। वे सभी वायरस निकल जाते हैं, जिनके कारण कफ हुआ हो। साथ ही, नाक में निवाया घी डालने से कफ समाप्त हो जाता है। इसे लगातार हर प्राणायाम के बाद डालना चाहिए। इससे कफ तेजी से समाप्त होता है। श्वास नली साफ हो जाती है। सांस में कोई समस्या नहीं आती है।
रांका ने मुख्यमंत्री को बताया कि आहार बहुत महत्वपूर्ण है। ये जरूरी है कि घर के आहार में ऐसा क्या शामिल करें कि बुखार टूट जाए। इसमें राजस्थान की वनस्पति कैर का सेवन किया। कैर को उबाल कर, उसमें थोड़ा नींबू और स्वाद के लिए थोड़ी मिर्च-नमक डाल देते हैं। इसे दिन में तीन से चार बार लेते हैं, तो उससे बुखार टूटने में बहुत मदद मिलती है।