जयपुर

श्श्श्श कोई है ….

असल जिंदगी का ‘तुंबाड’: लोग बोले-यह नरक का द्वार है

जयपुरSep 28, 2021 / 02:05 pm

Ankita Sharma

श्श्श्श कोई है ….

— दावा: यहां है बुरी आत्माओं का वास
— 200 फीट गहरी है गुफा
— पास जाने से भी डरते हैं लोग, आती है अजीब बदबू
—पहली बार गुफा के अंदर पहुंचा आठ वैज्ञानिकों का दल, बताया क्या है अंदर

जयपुर। भूत—प्रेत, बुरी शक्तियों, डरावने महलों की कहानियां हम सभी ने कभी न कभी सुनी हैं। ऐसी ही कई कहानियां जुड़ी हैं यमन के अल—महरा के रेगिस्तान से। लोग इन कहानियों पर इतना विश्वास करते हैं कि वे इसके बारे में बात करने को भी अशुभ मानते हैं। चलिए आज आपको बताते हैं एक ऐसी ही गुफा के बारे में, जिसे लोग नरका का द्वार बोलते हैं।
यमन के पूर्वी प्रांत अल-महरा के रेगिस्तान में बनी 200 फीट गहरी गुफा को लोग नरक का द्वार मानते हैं। लोगों का कहना है कि 100 फीट चौड़ी इस गुफा में बुरी आत्माओं का वास है। यहां से अजीब बदबू आती है। यही कारण है कि लोग इसके आस-पास तक नहीं जाना चाहते हैं। यहां तक कि उनका कहना है कि इस गुफा की बात करने मात्र से ही दुर्भाग्य आ जाता है। वहीं कुछ स्थानीय लोग इसे राक्षसों का जेल बोलते हैं। अब पहली बार कुछ वैज्ञानिक इस गुफा की सतह तक पहुंचे हैं।
वैज्ञानिकों ने बताया इसलिए आती है बदबू

ओमान केव एक्सप्लोरेशन टीम के वैज्ञानिकों को यहां सिर्फ सांप और मृत जानवरों के अवशेष मिले हैं। गोताखोरों का कहना है कि यहां अलौकिक या बुरी शक्तियों जैसा कुछ नहीं है। ओमान में जर्मन यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी के भूविज्ञान प्रोफेसर मोहम्मद अल-किंडी का कहना है कि यहां सांप थे, लेकिन जब तक आप उन्हें परेशान नहीं करेंगे, वे आपको परेशान नहीं करेंगे। गुफा के कुछ हिस्सों में प्राकृतिक पानी टपकता है, जिससे सतह पर काई जम गई है। मृत जानवर यहां बुरी गंध पैदा करते हैं। किंडी भी इस गुफा की सतह तक जाने वाले आठ लोगों में शामिल थे।
वैज्ञानिक बोले, पिंगो है यह गुफा

ग्लेशियोलॉजी और पैलियोक्लाइमेटोलॉजी के कील विश्वविद्यालय के प्रोफेसर क्रिस फोगविल का कहना है कि यह गुफा एक पिंगो है। पिंगो तब होता है जब एक प्राचीन बर्फ का बड़ा निर्माण ढह जाता है।वहीं कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि यह एक प्रकार की भूवैज्ञानिक घटना से बनी गुफा है।

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