परकोटा से लेकर पॉश कॉलोनियां भरीं
चार घंटे की बारिश में परकोटा के बाजारों में ही नहीं, बल्कि गलियों में कई फीट पानी भर गया। पॉश कॉलोनियों में भी कई घरों के अंदर पानी पहुंच गया। जनाना अस्पताल में पानी लेबर रूम तक पहुंच गया। एसएमएस अस्पताल के धन्वंतरि ब्लॉक, ट्रोमा सेंटर व भौमियां जी के मंदिर, बेसमेंट और सीटी वार्ड में भी पानी भर गया। गांधीनगर स्टेशन और जयपुर जंक्शन रेलवे स्टेशन पर पटरियां जलमग्न होने से दो दर्जन ट्रेनें
जयपुर में अटक गईं। हैरिटेज निगम आयुक्त अभिषेक सुराणा निरीक्षण को निकले लेकिन खुद ही आमेर रोड पर फंस गए।
सीएम के काफिले को एयरपोर्ट पर रुकना पड़ा
ऐसे में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को जयपुर एयरपोर्ट के वेटिंग रूम में करीब आधा घंटा इंतजार करना पड़ा। मुख्यमंत्री को रात साढ़े आठ बजे राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित कार्यक्रम में जाना था। इसके चलते वह सिविल लाइंस निवास जाकर वापस आने की बजाय एयरपोर्ट के वेटिंग रूम में ही ठहर गए।
सूत्रों के अनुसार
तेज बारिश के दौरान यातायात जाम और सड़कों पर जलभराव के कारण मुख्यमंत्री का काफिला सिविल लाइंस जाकर वापस समय पर राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर नहीं पहुंच सकता था। इसके चलते मुख्यमंत्री को एयरपोर्ट पर ही रुकना पड़ा। जवाहर सर्कल से एसएल कट तक जेएलएन मार्ग पर कई जगह पानी भर गया और जाम लग गया। पुलिस को जेएलएन मार्ग के ट्रैफिक को डायवर्ट भी करना पड़ा।
‘पुलिसकर्मी तो खुद फंसे हुए हैं’
उधर, राजस्थान पत्रिका ने अतिरिक्त पुलिस यातायात प्रीति चंद्रा से बातचीत की। पत्रिका ने सवाल किया कि जाम को हटाने के लिए यातायात पुलिस कहां है? उन्होंने जवाब दते हुए कहा कि शहर में इस सीजन की सबसे तेज बारिश हुई है। रूटीन की पुलिस के अलावा पुलिस लाइन से 30 जवान और स्वतंत्रता दिवस की सुरक्षा में लगाए गए 400 पुलिसकर्मियों को लोगों की सुरक्षा व ट्रैफिक कंट्रोल में लगाया है।
पत्रिका ने फिर सवाल किया कि लेकिन पुलिसकर्मी तो कहीं नजर ही नहीं आ रहे, आप कहां हैं? उन्होंने जवाब देते हुए कहा जिन पॉइंट पर पुलिसकर्मी तैनात थे, वे वहीं पर हैं, लेकिन सड़कें नदियां बन गईं। वहां दो-दो घंटे तक वाहन फंस गए। पानी के तेज बहाव में वाहन आगे बढ़ नहीं पा रहे। ऐसे में कुछ स्थानों पर पुलिस कर्मियों को पहुंचने में मशक्कत करनी पड़ रही। मैं खुद खासाकोठी पर हूं। यहां से गवर्नमेंट हॉस्टल तक सड़क दरिया बनी हुई है। फ्लाईओवर के नीचे के बैरिकेड्स हटाकर वाहनों को सिंधी कैम्प की तरफ डायवर्ट करवाया है।