पहले तो दुल्हन के पिता अचरज में पड़ गए, लेकिन जब दूल्हे के पिता ने अपनी बात रखी तो उनकी आंखें भर आईं। सांवलराम ने वो रुपए वापस लौटाकर सुगुन के तौर पर एक रुपया स्वीकार किया। दुल्हन पक्ष के लोगों ने काफी समझाया, लेकिन वे अपनी बात पर अडि़ग रहे। उनका कहना था कि इस तरह की मिसाल सभी लोग करें समाज में व्याप्त दहेज प्रथा जैसी कुरीति को समाप्त किया जा सकता है।
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इधर जयपुर ग्रामीण के आंतेला इलाके के ग्राम हनुमाननगर में रविवार रात स्थानीय निवासी महावीर यादव ने गाजे-बाजे के साथ बेटी को घोड़ी पर बिठाकर बिंदौरी निकाली तथा गांव में बेटी बचाओ, बेटी पढाओ का अनूूठा संदेश दिया। इस दौरान स्थानीय ग्रामीणों ने पहल की सराहना करते हुए स्वागत किया।
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जानकारी के अनुसार 12 मार्च हनुमाननगर निवासी महावीर यादव की बेटी पूजा का विवाह होगा। परिजनों ने समाज को आगे बढाने के लिए एक बेटी को घोडी पर बिठाकर बेटा-बेटी में भेद को मिटाने के लिए लोगों को प्रेरित किया है। आज बेटियां देश-विदेश परिजनों का गौरव बढा रही है। इस तरह के कार्यक्रमों से समाज को प्रेरणा मिलती है। इस सकारात्मक पहल की चहुंओर सराहना हुई है। इस मौके पर समाज के कई लोग शामिल हुए।