डॉ उत्कर्ष कुलश्रेष्ठ ने ‘न्यूज़ टुडे’ से ख़ास बातचीत में अभी तक के मुकाबलों और खिलाड़ियों की फिटनेस से जुड़े हर सवाल के जवाब साझा किए।
प्र. – एशियन गेम्स में भारतीय वॉलीबॉल पुरुष टीम ने धमाकेदार शुरुआत की है। टीम का मनोबल कैसा है?
उ – हमने अब तक तीन मैच खेले हैं और तीनों में ही एकतरफा जीत हासिल की है। पहले मुकाबले में कंबोडिया, दूसरे में पिछली बार की सिल्वर मेडलिस्ट दक्षिण कोरिया और तीसरे में चाइनीज़ ताइपे पर सीधे सेट्स में जीत दर्ज की है। भारत ने क्वार्टर फाइनल्स में प्रवेश कर लिया है। हम फिलहाल अपने पूल टेबल में नंबर 1 पर हैं, ऐसे में टीम और सपोर्ट स्टाफ के हौंसले चरम पर हैं।
प्र. – जैसे-जैसे आगे बढ़ेंगे मुकाबला कडा होता जाएगा, चुनौतियां बड़ी हैं?
उ – एशियन गेम्स में ईरान, जापान और मेजबान चीन सहित दुनिया की टॉप टीमें शामिल हैं। ऐसे में हर मुकाबला कड़ा और चुनौतीपूर्ण है। अब मुकाबला जापान से है। आगे नॉक-आउट के सभी मुकाबले ‘करो या मरो’ के हैं।
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प्र. – अन्य देशों की तुलना में भारतीय टीम का फिटनेस लेवल कैसा है?
उ – चाहे बात पुरुष टीम की हो या महिला टीम की, भारतीय वॉलीबॉल के खिलाड़ियों की फिटनेस में ज़बरदस्त बदलाव देखने को मिल रहा है। मैं खुद पिछले लगभग दो साल से भारतीय टीम के साथ जुड़ा हुआ हूं और हर एक खिलाड़ी की फिटनेस पर वन-टू-वन ध्यान देकर काम किया है। खिलाड़ियों ने भी हमारे बताये टिप्स पर मेहनत की है, जिसका परिणाम है कि आज हमारे खिलाड़ी दुनिया के तमाम अन्य देशों के खिलाड़ियों को टक्कर देने का दम रखते हैं।
प्र. – वॉलीबॉल खिलाड़ियों को शारीरिक रूप से स्ट्रांग होना बहुत ज़रूरी है, खासतौर से एशियन गेम्स जैसी चैम्पियनशिप में
उ – सही में, हर खेल की तरह वॉलीबॉल में भी खिलाड़ियों का फिट रहना बेहद ज़रूरी है। चैम्पियनशिप के पैमाने के लिहाज़ से फिटनेस का लेवल भी बढ़ता रहता है। ऐसे में एशियन गेम्स जैसे अंतर्राष्ट्रीय स्तर की चैम्पियनशिप में तो टीम के हर खिलाड़ी का फिटनेस हाई लेवल पर होना बहुत-बहुत ज़्यादा ज़रूरी है।
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प्र. – भारतीय वॉलीबॉल टीम का हेड फ़िज़ियो बनना गौरव की बात है, कैसे हुआ चयन?
उ – भारतीय वॉलीबॉल की दोनों, पुरुष और महिला टीमों का हेड फ़िज़ियो बनने तक का सफर आसान नहीं था। इस महत्वपूर्ण पद के लिए देश ही नहीं बल्कि विदेश तक के कई सीनियर फ़िज़ियो भी दौड़ में थे। लेकिन पूर्व के अनुभव और करियर के आधार के साथ ही चयन प्रक्रिया के कई स्तरों को पार करते हुए ये मौक़ा मिला है।
प्र. – क्या आप अन्य खेल-खिलाड़ियों की फिटनेस पर भी काम करते हैं?
उ – जी, मैंने अब तक के करियर में वॉलीबॉल खिलाड़ी लवमीत कटारिया के साथ ही कई क्रिकेट खिलाड़ियों को भी फिजियोथेरेपी की सेवाएं दी हैं, जिनमें पूर्व भारतीय तेज़ गेंदबाज़ पंकज सिंह, कमलेश नागरकोटी, ऋतुराज सिंह, अभिजीत तोमर के नाम प्रमुख रूप से शामिल हैं। वहीं भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व खिलाड़ी दिनेश कार्तिक को भी जयपुर दौरे के दौरान फिजियोथेरेपी से फिट रखने में सहयोग किया है।