बेनीवाल ने धरने में भजनलाल सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि ये सरकार संवेदनहीन है। मरने से पहले पुलिसकर्मी ने सारी बात लिखी। उसके बाद भी सरकार पर कोई असर नहीं हो रहा है। सरकार की ओर से अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। शर्मनाक है कि आज पांच दिन से हेड कांस्टेबल का शव रखा हुआ है। यह जयपुर पुलिस के लिए भी शर्मनाक है।
बेनीवाल ने कहा कि मृतक बाबूलाल बैरवा ने अपने सुसाइड नोट में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को संबोधित करते हुए लिखा था कि मुझे और मेरे परिवार को आप न्याय दिलाना। लेकिन फिर भी समाज से आने वाले उप मुख्यमंत्री प्रेमचंद बेरवा यहां नहीं आए। उनकी नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि वे धरना स्थल आते और कहते कि यह बाबूलाल बैरवा के परिजनों की नहीं, मेरे परिवार की लड़ाई है।
बता दें कि पांच दिन पहले भांकरोटा थाने में तैनात हेड कॉन्स्टेबल बाबूलाल बैरवा ने आतमहत्या की थी। बाबूलाल ने मरने से पहले 6 पेज के सुसाइड नोट में एडिशनल डीसीपी जगदीश व्यास, एसीपी अनिल शर्मा, एसआई आशुतोष शर्मा व पत्रकार कमल देगड़ा से परेशान होकर आत्महत्या करने की बात लिखी। नोट में लिखा कि 11 माह से प्रताड़ित हो रहा हूं, झूठे सस्पेंड के कारण समाज व रिश्तेदार ऐसे व्यवहार करते हैं, जैसे मैने कोई मर्डर कर दिया हो।