उदयपुर के अलावा माउंट आबू, सिरोही, करौली, बूंदी, अजमेर सहित कई अन्य जिलों में भी ओले गिरे। इसके साथ ही शेखावाटी, हाड़ौती क्षेत्र के साथ पाली, सिरोही, जालोर, भरतपुर, अलवर सहित अधिकांश जिलों में बरसात हुई। उदयपुर जिले के ग्रामीण अंचल में रविवार तड़के करीब साढ़े 4 बजे आधे घंटे तक जमकर ओलावृष्टि हुई। कई इलाकों में करीब 100 ग्राम तक के ओले गिरे। भारी ओलावृष्टि से फसल, सब्जी, फल आदि पूरी तरह बर्बाद हो गए हैं।
वहीं उदयपुर-चित्तौड़गढ़ हाइवे पर बर्फ की चादर बिछ गई। सड़क किनारे 1 फिट तक बर्फ जमा हो गया। जब गाड़ियां फिसलने लगी तो एलएनटी मशीन का उपयोग कर बर्फ हटाई गई। किसानों ने बताया कि पिछले 100 साल में ऐसी ओलावृष्टि पहली बार देखी है। ओलावृष्टि से खड़ी फसल खेत में बिछ गई वहीं पेड़ों के पत्ते तक झड़ गए। किसानों ने तत्काल सरकार से मुआवजे की गुहार लगाई है।
खरसाण क्षेत्र में खेतों में ओलो की चादर बिछ गई। गेहूं, जौ, सरसों, अफीम की फसल पूरी तरह नष्ट हो गई। खेत, खलिहान, रास्ते सभी चादर में तरह ढक गए। चारो ओर बर्फ ही बर्फ दिखाई दे रही थी, मानो यह जम्मू-कश्मीर हो।
खरसाण, मजावड़ा पंचायत के लक्ष्मणपुरा गांव में भारी मात्रा में ओले गिरे हैं। लक्ष्मणपुरा में किसानों की फसल खराब हो गई है। मजावड़ा में करीब 500 बीघा गेहूं की फसल नष्ट हो गई। किसानों ने सरकार से मुआवजा दिलाने की मांग की है। किसान सुबह खेतों की स्थिति देख कर रोने लगे और बोले, हे भगवान थोड़ा तो रहम करते।
फावड़ा कुदाली से हटाए ओले
घरों में लोग खोड़ी, फावड़ा, कुदाली से ओलों को हटाते रहे। रास्तों में दो-दो फीट के ओलों के ढेर लग गए है। जिस ओर नजर घुमाओ उस तरफ ओले ही ओले दिख रहे हैं।
खरसाण क्षेत्र में 1 हजार बीघा की फसल नष्ट
खरसाण क्षेत्र में करीब 1 हजार बीघा की फसल नष्ट हो गई है। मजावड़ा पंचायत में 500 बीघा, वही गुपड़ी, मंदेरिया, खरसाण में 500 बीघा की फसल नष्ट हो गई है। ओले से पेड़ो के पत्ते पूरी तरह जड़ गए।
इनका कहना-
मजावड़ा पंचायत में 500 बीघा की फसल नष्ट हो गई है सरकार पूरी फसल का मुआवजा दिलाए।
नानू राम गाडरी सरपंच ग्राम पंचायत मजावड़ा
-मजावड़ा पंचायत में फसल पूरी तरह तबाह हो गई हैं गेहूं की फसल की बालियां पूरी तरह टूट कर अलग हो गई।
कल्याण सिंह वार्ड पंच।
-खेती में ओले की चादर जम गई है मानो सुबह कोई आसमान से आफत गिर रही हो हमारी फसल पूरी तरह से खत्म हो गई है।
नरेंद्र सिंह, किसान मजावड़ा