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जयपुर

Guru Purnima 2023: उत्तर भारत की प्रमुख पीठ में साकार होगी परंपरा, गालव ऋषि व पयोहारी जैसे पूर्व आचार्यों का गुरु पूजन

Guru Purnima 2023: आषाढ़ पूर्णिमा पर सोमवार को गुरू-शिष्य के आध्यात्मिक मिलन का पर्व गुरू पूर्णिमा भक्तिभाव से मनाया जाएगा। शिष्य अपने गुरू का चरण पूजन कर आशीर्वाद लेंगे।

जयपुरJul 02, 2023 / 11:13 am

Girraj Sharma

Guru Purnima 2023: उत्तर भारत की प्रमुख पीठ में साकार होगी परंपरा, गालव ऋषि व पयोहारी जैसे पूर्व आचार्यों का गुरु पूजन

Guru Purnima 2023: उत्तर भारत की प्रमुख पीठ में साकार होगी परंपरा, गालव ऋषि व पयोहारी जैसे पूर्व आचार्यों का गुरु पूजन

Guru Purnima 2023: आषाढ़ पूर्णिमा पर सोमवार को गुरू-शिष्य के आध्यात्मिक मिलन का पर्व गुरू पूर्णिमा भक्तिभाव से मनाया जाएगा। शिष्य अपने गुरू का चरण पूजन कर आशीर्वाद लेंगे। वहीं नए साधक गुरू दीक्षा लेकर भक्ति पथ की राह चलेंगे। इस दौरान गुरु अपने शिष्यों को मंत्र दीक्षा भी देंगे। गुरु पूजन के लिए शिष्यों की भीड़ उमड़ेगी। मंदिरों और तीर्थ स्थलों पर पूर्ववर्ती आचार्यों, महंतों का चित्र पूजन किया जाएगा।

उत्तर भारत की प्रमुख पीठ गलता तीर्थ में तीन दिन गुरु पूर्णिमा महोत्सव सोमवार को शुरू होगा। पीठाधीश्वर स्वामी अवधेशाचार्य के सान्निध्य में 3 दिवसीय गुरु पूर्णिमा महोत्सव 5 जुलाई तक मनाया जाएगा। युवराज स्वामी राघवेन्द्र ने बताया कि गुरु पूर्णिमा के दिन सुबह स्वामी अवधेशाचार्य की ओर से गालव ऋषि, रामानुजाचार्यजी, पयोहारीजी, कील्हजी से लेकर रामोदाराचार्यजी तक समस्त पूर्ववर्ती आचार्यों का पूजन किया जाएगा। इसके बाद सुबह 7 बजे से नए शिष्य स्वामी अवधेशाचार्य से पंचसंस्कारित होकर दीक्षा ग्रहण करेंगे व पुराने शिष्य स्वामी के चरणों का पूजन करेंगे। इस अवसर पर स्वामी अवधेशाचार्य शिष्यों को कंठी भी धारण करवाएंगे। 5 जुलाई को 3 दिवसीय गुरु पूर्णिमा महोत्सव का सन्त भंडारे के साथ समापन किया जाएगा।

काले हनुमानजी मंदिर
चांदी की टकसाल स्थित काले हनुमान मंदिर में गुरु पूर्णिमा महोत्सव 3 जुलाई को भक्तिभाव से मनाया जाएगा। मंदिर के युवराज योगेश शर्मा ने बताया कि सुबह हनुमानजी महाराज को नवीन पोशाक धारण कराकर पुष्प शृंगार किया जाएगा। विविध व्यंजनों का भोग लगाया जाएगा। मंदिर महंत गोपाल दास महाराज सुबह आठ बजे पूर्व आचार्यों का पूजन करेंगे। इसके बाद नए साधकों को गुरू दीक्षा दी जाएगी।

पूर्णिमा आज से शुरू
ज्योतिषाचार्य डॉ. अनीष व्यास ने बताया कि आषाढ़ पूर्णिमा तिथि 2 जुलाई को रात 08:21 बजे से प्रारंभ होकर 3 जुलाई को शाम 5:08 बजे तक रहेगी। ऐसे में उदया तिथि के आधार पर गुरु पूजन का महापर्व 3 जुलाई को मनाया जाएगा। इस दिन अपने गुरु की पूजा करने पर व्यक्ति को उनका विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है।

जीवन में गुरु का अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान
ज्योतिषाचार्य डॉ. रवि शर्मा ने बताया कि जीवन में गुरु का अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान होता है। धर्म शास्त्रों में भी कहा गया है कि बिना गुरु के ईश्वर नहीं मिलता। इसलिए जीवन में गुरु का होना अत्यंत आवश्यक है। सनातन धर्म में गुरु की महिमा का बखान अलग-अलग स्वरूपों में किया गया है। आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा का विशेष पर्व मनाया जाता है। गुरु पूर्णिमा को गुरु की पूजा की जाती है।

 

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गुरु पूर्णिमा महोत्सव आज से शुरू
श्री शुक संप्रदाय आचार्य पीठ सरस निकुंज में दो दिवसीय गुरु पूर्णिमा महोत्सव रविवार से शुरू हो रहा है। सरस परिसर को पुष्प, बधाई और शुभकामनाओं के बांदरवाल से सजाया गया है। प्रवक्ता प्रवीण बड़े भैया ने बताया कि पहले दिन दोपहर तीन बजे से बाहर के वैष्णव भक्त गुरू पूजन करेंगे। दूसरे दिन सोमवार को ठाकुर श्री राधा सरस बिहारी सरकार की विधिवत सेवा के बाद सुबह सात बजे परंपरागत सेवा में विराजित आचार्यों की पादुका पूजन किया जाएगा। सुबह 8 बजे श्री शुक संप्रदाय आचार्य पीठाधीश्वर अलबेली माधुरी शरण श्री वेदव्यास जी के चित्रपट का पूजन करेंगे। ठाकुर जी की सुबह श्रृंगार आरती दर्शन के बाद वैष्णव भक्त व्यासपीठ की पूजा-अर्चना करेंगे। दोपहर को नाम दीक्षा प्रदान की जाएगी।

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