script10 मिनट में खाना पहुंचाना बना विवाद की जड़, रेस्टोरेंट और एग्रीगेटर्स हुए आमने-सामने, जानें विवाद के मुख्य कारण | Delivering food in 10 minutes became a controversy, restaurants and aggregators came face to face, main reason for controversy | Patrika News
जयपुर

10 मिनट में खाना पहुंचाना बना विवाद की जड़, रेस्टोरेंट और एग्रीगेटर्स हुए आमने-सामने, जानें विवाद के मुख्य कारण

10 मिनट में फूड डिलीवरी का प्रयोग मेट्रो शहरों में रेस्टोरेंट संचालकों के लिए मुश्किलें खड़ी कर रहा है।

जयपुरJan 24, 2025 / 09:43 am

Lokendra Sainger

Delivery of food

प्रतीकात्मक तस्वीर

10 मिनट में फूड डिलीवरी का प्रयोग मेट्रो शहरों में रेस्टोरेंट संचालकों के लिए मुश्किलें खड़ी कर रहा है। यह नई सेवा गुरुग्राम, दिल्ली, बेंगलूरु सहित अन्य बड़े शहरों में प्रयोग के तौर पर शुरू की गई है। इस नई सेवा को लेकर रेस्टोरेंट संचालकों ने फूड एग्रीगेटर्स (स्विगी, जोमैटो) के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
इनका आरोप है कि, यह सेवा ग्राहकों को रेस्टोरेंट से दूर कर रही है। दिल्ली नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एनआरएआइ) की बैठक में कोर्ट में याचिका दायर करने पर सहमति बनी। रेस्टोरेंट संचालकों का कहना है कि एग्रीगेटर्स थर्ड पार्टी किचन से खाना तैयार करवाकर खुद के लेबल से बेच रहे हैं। यह न केवल रेस्टोरेंट के व्यवसाय को प्रभावित कर रहा है, बल्कि ग्राहकों के साथ भी धोखा है।

जयपुर में भी चिंता

शहर के रेस्टोरेंट संचालक इसके संभावित प्रभावों को लेकर चिंतित हैं। शहर में 3000 से अधिक रेस्टोरेंट ऑनलाइन फूड डिलीवरी सेवा दे रहे हैं। उनका मानना है कि इससे उनके व्यवसाय पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
ग्रोसरी में जिस तरह से गोदाम बनाकर 10 मिनट में सामान पहुंचाया जा रहा है। उसी तरह क्लाउड किचन और स्काई किचन पर काम करके इसको शुरू किया जा सकता है।- कुलदीप सिंह चंदेला, अध्यक्ष, होटल एंड रेस्टोरेंट ऐसोसिएशन ऑफ राजस्थान
यह प्रयोग रेस्टोरेंट्स पर भारी पड़ने लगा है। जिन शहरों में इसे शुरू किया है, वहां पर रेस्टोरेंट संचालक विरोध कर रहे हैं। गिग वर्कर्स के लिए भी मुसीबत होगी।- आशीष सिंह, अध्यक्ष, राजस्थान एंड ऐप बेस्ड वर्कर्स यूनियन
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विवाद के मुख्य कारण

गुणवत्ता और ताजगी: इतनी तेजी से खाना तैयार और डिलीवर करना गुणवत्ता और ताजगी पर सवाल खड़ा करता है।

सुरक्षा और स्वास्थ्य: सही तापमान पर खाना न पकने से खाद्य सुरक्षा के खतरे बढ़ सकते हैं।
कर्मचारियों पर दबाव: रसोई कर्मचारियों और डिलीवरी वर्कर्स पर तेज काम का दबाव बढ़ता है।

सड़क दुर्घटनाओं का खतरा: समय सीमा में खाना पहुंचाने की जल्दी यातायात नियमों के उल्लंघन और दुर्घटनाओं को बढ़ावा दे सकती है।

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