महाधिवक्ता की राय भी की अपलोड
कार्मिक विभाग की ओर से जारी आदेश में बताया गया कि सर्वोच्च न्यायालय ने 9 मई 2017 को अंतरिम निर्णय पारित किया था, जिसमें विभिन्न पदों की भर्तियों में एमबीसी के अभ्यर्थियों को सशर्त नियुक्ति देने की अनुमति थी। करीब 1 हज़ार 252 पदों के विरुद्ध एमबीसी अभ्यर्थियों ने पदभार नहीं संभाला। गुर्जर नेता इन पदों को प्रतीक्षा सूची जारी कर भरने की मांग कर रहे थे। इस पर सरकार ने महाधिवक्ता से विधिक राय ली, जिसे भी वेबसाइट पर अपलोड किया गया है। इसके बाद कार्मिक विभाग ने विभिन्न विभागों को प्रतीक्षा सूची से भरने के निर्देश दिए हैं।
यह दी थी चेतावनी
जेएलएन मार्ग स्थित पंचायत राज संस्थान भवन में पंचायत राज मंत्री राजेन्द्र राठौड़ की अध्यक्षता, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अरुण चतुर्वेदी, शिक्षा राज्य मंत्री वासुदेव देवनानी की उपस्थिति में हुई चर्चा में गुर्जर नेता किरोड़ी सिंह बैसला, शैलेन्द्र सिंह, हिम्मत सिंह आदि ने चेताया कि एक प्रतिशत आरक्षण का आदेश सोमवार शाम 5 बजे तक जारी नहीं हुआ तो प्रधानमंत्री का विरोध करेंगे। गुर्जरों के खिलाफ दर्ज मामलों पर भी चर्चा हुई।
वार्ता की शुरुआत में सरकार ने गुर्जर नेताओं के सामने उनकी मांगों पर की गई कार्रवाई से अवगत करवाया। जब एक प्रतिशत आरक्षण की बात आई तो गुर्जर नेता उखड़ गए। उन्होंने विरोध जताते हुए कहा कि सरकार ने अभी तक एक प्रतिशत आरक्षण का आदेश नहीं निकाला है। सरकार गुर्जरों के साथ छल कर रही है। इस पर वार्ता में मौजूद तीनों मंत्रियों ने गुर्जर नेताओं को आश्वासन दिया कि वे सोमवार शाम तक इस संबंध में आदेश निकाल देंगे। साथ ही, भर्ती प्रक्रिया में जो अड़चन आ रही है उसे भी दूर कर दिया जाएगा।
वार्ता में सरकार की तरफ से पंचायतराज मंत्री राजेन्द्र राठौड़, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अरुण चतुर्वेदी और शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी शामिल थे। गुर्जर नेताओं की तरफ से कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला, कैप्टन हरप्रसाद, लीलाधर, विजय कुमार, हिम्मत सिंह पाडली, श्रीराम बैंसला, एडवोकेट शैलेंद्र सिंह और एडवोकेट अतरसिंह मौजूद थे। इसके अलावा समाज कल्याण विभाग के निदेशक समित शर्मा, गृह सचिव दीपक उप्रेती, नरेशपाल गंगवार, जेसी मोहंती सहित पुलिस के कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
पंचायती राज संस्थान में गुर्जर वार्ता के दौरान बाहर काफी संख्या में समर्थक व विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने वाले अभ्यर्थी शामिल थे। गुर्जर नेताओं ने जैसे ही वार्ता विफल होने की बात कही तो समर्थक व अभ्यर्थियों में रोष व्याप्त हो गया और उन्होने काफी देर तक नारेबाजी की।