असफल अभ्यार्थी चलाते हैं प्रोपेगेंडा
पीसीसी चीफ ने कहा कि आरएएस परीक्षा पारदर्शिता के साथ होती है किसी के रिश्तेदार या जानकार होने से इंटरव्यू में नंबर नहीं मिलते हैं। उन्होंने कहा कि यह केवल सोशल मीडिया पर चलाया गया प्रोपेगेंडा है और परीक्षा में असफल होने वाले अभ्यर्थी अपनी खीज मिटाने के लिए इस तरह के कृत्य करते हैं।
रिश्तेदारी से पहले पुत्रवधू बनी आरएएस
पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि मेरा बेटा 2016 में परीक्षा में पास हुआ था और जब पुत्रवधू आरएएस बनी तब उसका रिश्ता नहीं हुआ था इतना ही नहीं उस समय प्रदेश में भाजपा का शासन था।
पीसीसी चीफ ने कहा अगर मैं किसी को आरएएस बना सकता हूं तो क्या मैं अपने परिवार के सभी लोगों और विधानसभा क्षेत्र के लोगों को आरएएस नहीं बना सकता क्या?, उन्होंने कहा कि मेरे जिन रिश्तेदारों की बात की जा रही है वे दिल्ली यूनिवर्सिटी में पढ़े हुए और काफी टैलेंटेड हैं, कई साल से आरएएस परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं। इंटरव्यू में और भी कई होनहार बच्चों के 80% अंक आए हैं। गौरतलब है कि गोविंद सिंह डोटासरा की पुत्रवधू प्रतिभा के साल 2016 की भर्ती के परिणाम में इंटरव्यू में 80% अंक आए थे वहीं अब आरएएस भर्ती परीक्षा 2018 के परिणाम में उनकी पुत्रवधू के भाई गौरव और बहन प्रभा को भी इंटरव्यू में 80-80 अंक मिले हैं जो की चर्चा का विषय बना हुआ है।