इसमें से अभी 4736 स्क्वायर किलोमीटर क्षेत्र में 13 पेट्रोलियम माइनिंग लीज चल रही हैं। फिलहाल करीब 7 माइनिंग लीजों में कूड ऑयल और नेचुरल गैस का उत्पादन किया जा रहा है।
राजस्थान सरकार ने राइजिंग राजस्थान समिट को देखते हुए पेट्रोलियम खोज के क्षेत्र में काम तेज करने के लिए कहा है। जल्द रिफाइनरी शुरू होने वाली है, जिससे अधिक क्रूड ऑयल की जरूरत होगी।
चालू वित्तीय वर्ष के पहले पांच माह में गत वर्ष के मुकाबले क्रूड ऑयल के उत्पादन में कमी आई है, लेकिन अब इसे बढ़ाने की तैयारी चल रही है। राज्य में अभी बाड़मेर, जैसलमेर, और बीकानेर जिलों में क्रूड ऑयल और नेचुरल गैस का उत्पादन हो रहा है। अब इन जिलों में नए क्षेत्रों के साथ ही जोधपुर और जालोर के कुछ क्षेत्र में भी ऑयल-गैस के भंडार हैं।
उपलब्ध भंडार
कूड ऑयल- 136 मिलियन बैरल
नेचुरल गैस- 11,657 एमएमएससीएम (मिलियन मैट्रिक स्टैंडर्ड क्यूबिक मीटर) कूड और गैस का प्रतिदिन उत्पादन
क्रूड ऑयल – 70,000 से 78,000 बैरल
नेचुरल गैस – 3.3 से 3.4 एमएमएससीएम
उत्पादन बढ़ाएंगे
राज्य सरकार ने हाल ही समीक्षा बैठक में ऑयल-गैस के नए क्षेत्रों में उत्पादन शुरू कराने को लेकर तैयारी तेज करने को कहा है। चालू वर्ष का राजस्व लक्ष्य भी गत वर्ष के 3500 करोड़ से बढ़ाकर 4000 करोड़ रुपए निर्धारित कर रखा है। चालू वर्ष के पांच माह में सरकार को क्रूड ऑयल उत्पादन कम होने से 1271 करोड़ रुपए का ही राजस्व मिला है। जबकि गत वर्ष के इन्ही पांच माह में 1438 करोड़ रुपए का राजस्व मिला था। विभागीय अधिकारियों का दावा है कि उत्पादन में बढ़ोतरी की जाएगी।