पुनः अपना कारोबार शुरू कर सके, इसलिए योजना लागू
सहकारिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दक ने बताया कि पहली बार इस योजना के तहत दुर्घटना या अन्य किसी कारण से शारीरिक रूप से कमाने की स्थिति में नहीं होने वाले ऋणी को भी सम्मिलित कर राहत दी गई है। उन्होंने बताया कि कई बार प्राकृतिक आपदाओं और औद्योगिक मंदी के कारण ऋणी अपने ऋण का चुकारा समय पर नहीं कर पाता है। वह दुष्चक्र में फंस जाता है। ऐसे ऋणी सदस्यों को राहत देने और वे पुनः अपना कारोबार शुरू कर सके, इसलिए इस योजना को लागू किया गया है। यह योजना 31 मार्च, 2025 तक रहेगी लागू
सहकारिता मंत्री ने बताया कि इस योजना का दायरा विस्तृत करते हुए इसमें अब व्यक्ति विशेष के अलावा संयुक्त हिन्दू परिवार, प्रोपराईटर/पार्टनरशिप फर्म, प्रा. लिमिटेड कम्पनी, सहकारी संस्थाएं, स्वयं सहायता समूह आदि को भी सम्मिलित किया गया है। उन्होंने बताया कि यह योजना 31 मार्च, 2025 तक लागू रहेगी।
यह मिलेगी राहत –
सहकारिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दक ने बताया कि ऋण जिस दिन को अवधिपार हुआ है उस दिन से 8 प्रतिशत या ऋण स्वीकृति पत्र में अंकित ब्याज दर, जो भी कम हो से देना होगा। यह ब्याज साधारण दर से वसूल किया जाएगा। उन्होंने आगे बताया कि जिन ऋणों के विरूद्ध कोलेटरल सिक्योरिटी उपलब्ध नहीं है ऐसे प्रकरणों में यदि मूल राशि के बराबर ब्याज राशि बन रही है और 8 प्रतिशत की साधारण दर से ब्याज की गणना करने पर कुल राशि में से जो भी कम होगी को जमा कराया जाएगा।
पहले 25 प्रतिशत जमा कराना होगा
सहकारिता मंत्री गौतम कुमार दक ने बताया कि व्यक्तिगत ऋण, उपभोक्ता ऋण, स्वरोजगार क्रेडिट कार्ड योजना एवं राज्य प्रवर्तित योजनाओं के तहत लिए गए ऋणों के प्रकरण में ब्याज राशि को आधा ही वसूल किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस योजना का लाभ लेने के लिए आवेदक ऋणी को आवेदन पत्र के साथ कुल वसूल योग्य राशि का 25 प्रतिशत जमा कराना होगा तथा शेष राशि को अधिकतम दो किश्तों में 31 मार्च, 2025 तक जमा कराना होगा।