प्रमुख शासन सचिव वैभव गालरिया ने योजना की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि बैंकों द्वारा छोटे व मंझले खाद्य प्रसंस्करण उद्यमियों को अधिक से अधिक किस प्रकार लाभान्वित करवाया जा सकता हैं। इस योजना में नई व पुरानी खाद्य इकाईयों को स्थापित करने के लिए केंद्र व राज्य सरकार द्वारा 35 प्रतिशत या अधिकतम 10 लाख रुपए का अनुदान दिया जा रहा हैं तथा इस योजना के तहत विभिन्न बैंको की ओर से खाद्य इकाई लगाने पर 90 प्रतिशत तक की ऋण सहायता दी जा रही है।
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प्रमुख शासन सचिव वैभव गालरिया ने कहा कि राज्य में योजना को जन-जन तक पहुंचाने एवं आवेदकों की सहायता के लिए हेल्पलाइन नम्बर 9829026990 कार्यरत है। योजना में आवेदनों की संख्या बढ़ाने की दृष्टि से रोलिंग प्रक्रिया के द्वारा अधिक से अधिक डिस्टिक रिसोर्स पर्सन सूचीबद्ध किये जा रहे हैं। सामान्य प्रक्रिया के तहत डिस्टिक रिसोर्स पर्सन के लिए आवेदन पत्र पीएमएफएमई राजस्थान पोर्टल पर उपलब्ध है।
राजस्थान राज्य कृषि विपणन बोर्ड के जनरल मैनेजर आशु चौधरी ने बताया कि इस योजना का संचालन विपणन बोर्ड द्वारा विगत 3 वर्षों से किया जा रहा है। जिसमें भारत सरकार तथा राज्य सरकार द्वारा सम्मिलित रूप से खाद्य प्रसंस्करण उद्योग लगाने के लिए अनुदान दिया जा रहा है। इसके लिए राज्य में एक प्रबंध यूनिट का संचालन भी किया जा रहा है। यह यूनिट इकाई को मशीन, आवेदन, ब्राण्डिंग व मार्केटिंग में भी सहयोग करती है। इस योजना में आवेदन पूर्ण रूप से निःशुल्क है तथा डिस्टिक रिसोर्स पर्सन को 20 हजार रुपए की राशि का भुगतान भी राजस्थान राज्य कृषि विपणन बोर्ड द्वारा किया जाता है।
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