बाबा के आश्रम इस तरह से बने हुए हैं कि एक बार इसमें एंट्री करने के बाद लड़कियां और युवतियां बाहर आने को तो क्या सूरज की रोशनी तक देखने को तरस जाएं। संभव है कि
जयपुर स्थित आश्रम में भी बाल आयोग की टीम जल्द ही दौरा करेगी। माउंट आबू स्थित आश्रम में भी आध्यात्म के नाम पर लड़कियों का माइंड वॉश किया जाता था। उन्हें तडक़े तीन से चार बजे जगाया जाता था और आठ से दस घंटे तक प्रवचन और बातें उनको एक कमरे में बंद कर सुनाई जाती थीं। टेप रिकॉर्डर से इन बातों को सुनाया जाता था और उस समय कमरे में सिर्फ एक लाल बल्ब जलाया जाता था। बाकि पूरे कमरे में सूरज की रोशनी तक को प्रवेश नहीं दिया जाता था।
एक लडक़ी राजस्थान की बाकी अन्य राज्यों की
माउंट आबू स्थित आश्रम से जो लड़कियां मिली हैं उनमें से अधिकतर कम उम्र की कम पढ़ी लिखी हैं। यही कारण है कि इनके परिजनों ने आसानी से दो वक्त की रोटी के लिए उन्हें बाबा के दरबार में छोड़ दिया। लेकिन आश्रम एक तरह से यातना घर निकला। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि चार मंजिला आश्रम में सिर्फ दो शौचालय हैं उनमें भी एक अक्सर खराब रहता है। आश्रम मिली लड़कियों में से सिर्फ एक राजस्थान की है बाकि अन्य राज्यों की है। बताया जा रहा है कि इनमें से कई लड़कियों के तो दस्तावेज तक नहीं मिल रहे हैं। लड़कियां अपने बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दे पा रही हैं। यही कारण है कि अब पुलिस की परेशानी बढ़ गई है।