विशिष्ठ लोक अभियोजक विवेक सक्सेना ने बताया कि जिले के एक थाने में पीडि़ता ने 29 सितंबर 2018 को झुलसी अवस्था में परचा बयान दिया था। वह दस दिन पहले इन्दौर आई थी। इन्दौर से वापस घर आते समय उसे दो-तीन लडकियां मिली। उन्होंने उसे कोई नशीला पदार्थ खिला दिया। इसके बाद उसे कुछ पता नहीं रहा। होश आने पर भीलखेड़ी में पूरीलाल के घर पर थी। पूरीलाल के साथ उसका भाई कन्हीराम और मांगीलाल थी। पूरीलाल उससे शादी कर पत्नी बनाना चाहता था। शादी के लिए मना करने पर पूरी लाल ने उसके साथ दुष्कर्म किया। वह दस दिन तक उसके साथ बलात्कार करता रहा। उसने जब सुबह गांव जाने की बात कही तो कन्हीराम ने मिट्टी का तेल फेंककर उसके कपड़ों में आग लगा दी। पूरी लाल के परिजनों ने ही उसे झुलसी अवस्था में अस्पताल लाकर भर्ती कराया। जहां उपचार के दौरान पीडि़ता की मौत हो गई। पुलिस ने पर्चा बयान के आधार पर दोनों के खिलाफ मामला दर्जकर न्यायालय में विभिन्न धाराओं में आरोप पत्र पेश किए।
इस मामले में सभी पक्षों को सुनने के बाद विशिष्ट न्यायाधीश सोनाली प्रशान्त शर्मा ने बुधवार को अभियुक्त पूरीलाल को धारा 376 और 302/34 तथा कन्हींराम को धारा 302 के तहत दोषी माना। उन्होंने दोनों को आजीवन कारावास और 25 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई।