scriptभजनलाल सरकार को अब इस नई मुसीबत में डाल गई पूर्ववर्ती गहलोत सरकार, ‘संकट’ से बाहर निकलना मुश्किल | Gehlot government took 61 percent more loan in the current financial year than the previous year. | Patrika News
जयपुर

भजनलाल सरकार को अब इस नई मुसीबत में डाल गई पूर्ववर्ती गहलोत सरकार, ‘संकट’ से बाहर निकलना मुश्किल

Rajasthan News: अशोक गहलोत सरकार ने मौजूदा वित्तीय वर्ष में पिछले वर्ष के मुकाबले 61 प्रतिशत कर्ज अधिक लिया। इसमें से भी ज्यादातर जुलाई के बाद लिया गया और इसी दौरान गहलोत सरकार ने योजनाओं के नाम पर जनता के लिए खजाना खोल दिया था।

जयपुरJan 02, 2024 / 07:49 am

Kirti Verma

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शैलेन्द्र कुमार

Rajasthan News: अशोक गहलोत सरकार ने मौजूदा वित्तीय वर्ष में पिछले वर्ष के मुकाबले 61 प्रतिशत कर्ज अधिक लिया। इसमें से भी ज्यादातर जुलाई के बाद लिया गया और इसी दौरान गहलोत सरकार ने योजनाओं के नाम पर जनता के लिए खजाना खोल दिया था। बेपटरी हुई आर्थिक स्थिति के कारण हाल यह हो गए हैं कि वित्तीय प्रबंधन के नाम पर सरकार की ओर से अधिकारी-कर्मचारियों काे वेतन-पेंशन के अतिरिक्त अन्य भुगतान भी एक से दो माह की देरी से हो रहे हैं। ऐसे में बढ़ते कर्जभार के कारण भजनलाल सरकार के सामने अब प्रदेश की आर्थिक सेहत सुधारना बड़ी चुनौती रहेगी।


आंकड़ों के अनुसार इस साल गहलोत सरकार के 8 माह के कार्यकाल में 44,736 करोड़ रुपए से अधिक कर्ज लिया गया और बजट अनुमानों के अनुसार अब मार्च तक भजनलाल सरकार करीब 18 हजार करोड़ रुपए का कर्ज ही और ले सकती है। कर्ज के लिहाज से राज्य की आर्थिक स्थिति पहले से ही बहुत अच्छी नहीं थी, वर्ष 2022-23 में अनुमानित कर्ज 5,16,815 करोड़ रुपए था। इसके मार्च के अंत तक 5,79,781 करोड़ रुपए पहुंच जाने का अनुमान है।

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आंकड़ों का मायाजाल: बता रहे कर्ज तय सीमा के भीतर
सरकारी दस्तावेजों के अनुसार इस साल अब तक जो भी कर्ज लिया, वह निर्धारित सीमा के भीतर है। अभी आरबीआई से उधारी लेने की नौबत नहीं आई, लेकिन बताया जाता है कि सार्वजनिक उपक्रमों के जरिए सरकार ने करीब 10 हजार करोड़ रुपए का कर्ज उठा लिया और वह नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (सीएजी) को बताई कर्ज राशि के अतिरिक्त है। सार्वजनिक उपक्रमों के जरिए लिए गए कर्ज को भी सरकार पीडी खाते में जमा करवा रही है, जिसका नियंत्रण सरकार के पास ही होता है और वह ही उसमें से राशि सार्वजनिक उपक्रमों को देती है।

ऐसे हो रहा भुगतान
जानकारी में आया है कि हर माह सरकार करीब साढ़े आठ हजार करोड़ रुपए वेतन के लिए भुगतान करती है। यह भुगतान तो समय पर हो रहा है, लेकिन सेवानिवृत्ति परिलाभ, जीपीएफ से अग्रिम भुगतान सहित अन्य जो भुगतान हो रहे हैं उनमें एक से दो माह तक की देरी हो रही है। बताया जाता है कि वेतन के अतिरिक्त होने वाले कर्मचारियों व अधिकारियों के भुगतान के लिए करीब तीन श्रेणियां बना रखी हैं, एक श्रेणी में एक-दो लाख रुपए तक के भुगतान हैं जिसमें बहुत देरी नहीं हो रही। दूसरी श्रेणी में पांच लाख रुपए के आसपास तक के भुगतान हैं, जो करीब एक माह में हो रहे हैं। तीसरी श्रेणी बड़े भुगतान की हैं, जिनमें करीब दो माह तक का समय लग रहा है। अन्य भुगतानों को लेकर भी कुछ इसी तरह की व्यवस्था अपना रखी है।

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उधारी का ऐसे चढ़ रहा ग्राफ, (राशि करोड़ रुपए में)
माह-वर्ष 2022 में लिया कर्ज- वर्ष 2023 में लिया कर्ज

जुलाई तक- 17392.39- 21441.72
अगस्त तक- 19445.92-26008.00

सितम्बर तक-22678.14-32395.18
अक्टूबर तक-26847.88-38238.87

नवम्बर तक-27542.33-44736.84

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