उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2019 में लालकिले से यह संकल्प किया था कि हर घर में पीने का पानी शुद्ध और समुचित मात्रा में पहुंचे। इसके लिए जल जीवन मिशन शुरू किया गया। वर्ष 2019 में जहां 16 प्रतिशत घरों में नल से पानी पहुंचता था, अब यह आंकड़ा 64 प्रतिशत तक पहुंच गया है। केन्द्र सरकार ने लगभग पचास प्रतिशत घरों को पीने का पानी पहुंचाने में सफलता प्राप्त की, लेकिन राजस्थान की सरकार जल जीवन मिशन के भ्रष्टाचार में लिप्त हो गई। यहां कामों को अटकाया गया। राजनीतिक प्रतिबद्धता के आधार पर भेदभाव किया गया। राजस्थान सरकार को दिए बजट का 20-25 प्रतिशत पैसा भी खर्च नहीं कर पाई। देश में सबसे कम प्रगति राजस्थान में हुई है।
केन्द्र की सभी योजनाओं में यही हाल
उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के समय जब डबल इंजन की सरकार थी, तब राज्य में खूब विकास कार्य हुए। राज्य विकसित प्रांतों की श्रेणी में आकर खड़ा हुआ था, लेकिन गहलोत सरकार ने पिछले साढे़ चार साल में इसे फिर से पिछड़ा राज्य बना दिया। आज प्रदेश में कानून व्यवस्था खराब है। उदयपुर का नाम लेते ही कन्हैयालाल याद आता है, जिसकी गला काटकर हत्या कर दी गई।
तुष्टिकरण की राजनीति से फैली वैमनस्यता
उन्होंने कहा कि तुष्टिकरण के चलते मजहब के नाम पर वैमनस्य फैलाने वालों को प्रश्रय दिया गया। इसका नतीजा रहा कि भीलवाड़ा,े करौली और जोधपुर में दंगे फैलाए गए। उन्होंने जनता को आह्वान किया कि राजस्थान को फिर से विकास के रास्ते पर ले जाने के लिए आगामी चुनाव में राज्य में भाजपा की सरकार बनाए।