कांग्रेस की हरावल बिग्रेड एनएसयूआई, युवा कांग्रेस, महिला कांग्रेस और सेवादल को योजनाओं के प्रचार-प्रसार और बजट घोषणाओं के प्रचार-प्रसार का अलग अलग टास्क दिया गया है। बताया जा रहा है कि सोमवार से अग्रिम संगठन गांव-ढांणियों और कस्बों में लोगों के बीच बजट घोषणाओं का प्रचार प्रसार करेंगे और साथ ही बताएंगे कि बजट में सरकार ने कौन-कौनसी घोषणाएं आमजन के हितों के लिए की है।
विश्वविद्यालय और कॉलेजों में एनएसयूआई करेगी प्रचार
विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई को जिम्मेदारी दी गई है कि वह छात्रों के बीच जाकर बजट घोषणाओं का प्रचार प्रसार करें और बताएं कि सरकार ने बेरोजगारी, युवाओं को नौकरी देने और छात्र हितों से जुड़ी कौन-कौन सी घोषणा बजट में की हैं।
महिला कांग्रेस को मिला टास्क
महिला कांग्रेस को भी बजट घोषणाओं के प्रचार प्रसार का टास्क दिया गया है। बजट में सरकार की ओर से महिलाओं के हितों के लिए विभिन्न घोषणाओं के बारे में जानकारी देंगे और बताएंगे कि सरकार एक करोड़ 32 लाख महिलाओं को स्मार्टफोन देगी। साथ ही बजट में महिलाओं से जुड़ी और कौन-कौन से घोषणाएं हैं उसे लेकर भी महिलाओं को अवगत करवाया जाएगा।
सेवादल और यूथ कांग्रेस को भी गांवों का जिम्मा
बताया जा रहा है कि कांग्रेस सेवा दल और युवा कांग्रेस को गांव-देहातों का जिम्मा दिया गया है, जहां वे गांव गांव ढाणी ढाणी जाकर सरकार के बजट घोषणा और फ्लैगशिप योजनाओं के बारे में लोगों का बताएंगे कि सरकार की ओर से जो बजट पेश किया गया है उसमें आमजन के लिए बिजली में सब्सिडी सहित कई घोषणा की गई हैं साथ ही किसानों के लिए अलग से बजट पेश किया गया है।
ऐसी तमाम घोषणाओं के साथ-साथ पूर्व में शुरू की गई फ्लैगशिप योजनाओं को लेकर भी लोगों को हरावल बिग्रेड की ओर से जानकारी दी जाएगी।
बोर्ड-निगमों के अध्यक्षों को भी दिया टास्क
वहीं हाल ही में गहलोत सरकार की ओर से राजनीतिक नियुक्तियों में विभिन्न बोर्ड-निगमों में चेयरमैन बनाए गए नेताओं को भी जिलों का दौरा करने और अपने-अपने बोर्ड-निगम के हिसाब से जो घोषणा बजट में की गई हैं उनके बारे में जिलों के दौरे का लोगों को बताने को कहा गया है।
विधानसभा चुनाव के लिहाज से चौथा बजट अहम
दरअसल सरकार का पूरा फोकस इन दिनों चौथे बजट की घोषणाओं को इंप्लीमेंट कराने पर है, क्योंकि साल 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर चौथा बजट सरकार के लिए काफी अहम है।
वहीं सरकार का पांचवा और अंतिम बजट को चुनावी बजट माना जाता है और उसकी घोषणाएं लागू नहीं हो पाती। ऐसे में सरकार चौथे बजट के जरिए ही सभी वर्गों को साधने का प्रयास कर रही है, जिससे कि उसे साल 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव में फायदा मिल सके।