क्यों जरूरी है आरओएचएस सर्टिफिकेटयह
यह सर्टिफिकेट पुष्टि करता है कि उपकरण में खतरनाक या रिस्क फेक्टर (रिस्ट्रिक्शन ऑफ हैज़र्ड सब्सटेंस) नहीं है। इससे किसी को नुकसान नहीं पहुंचेगा और न ही पर्यावरण को खतरा होगा। इसमें लेड, कैडमियम, मरकरी और हेक्सा वैलेंट क्रोमियम जैसे रसायनों के इस्तेमाल पर पाबंदी है।इलेक्ट्रॉनिकी मंत्रालय की वेबसाइट पर यही अंकित
स्व-प्रमाणित सर्टिफिकेट संलग्न किया गया है। इलेक्ट्रॉनिकी मंत्रालय की वेबसाइट पर यही अंकित है, उसी आधार पर यह सर्टिफिकेट लिया है। फिर भी दोबारा पता कर लेंगे।-मुकेश टिबरेवाल, अतिरिक्त मुख्य अभियंता (आईटी), राज्य विद्युत प्रसारण निगम
इस तरह चला मामला
आरओएचएस सर्टिफिकेट की अनिवार्यता होने से कई कंपनियों ने सर्टिफिकेट नहीं होने पर निविदा में भागीदारी नहीं की। तीन कंपनी शामिल हुईं। सफल बोलीदाता फर्म को कार्यादेश दे दिया गया। संबंधित अधिकारी ही जानकारी दे सकते हैं। पता करके बताऊंगा।-नथमल डिडेल, प्रबंध निदेशक, राज्य विद्युत प्रसारण निगम