सात दिन में जबाव नहीं दे पाए
राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने 1200 अभ्यर्थियों के दस्तावेजों की जांच शुरू की। इनमें से करीब 321 ऐसे अभ्यर्थियों को चिन्हित किया, जिनके दस्तावेजों में फर्जीवाड़ा सामने आया। इन अभ्यर्थियों को जबाव पेश करने के लिए सात दिन का समय दिया था, लेकिन सात दिन मेें करीब 50 अभ्यर्थियों की ओर से ही जबाव दिया गया। इनके जबाव बोर्ड को संतोषप्रद नहीं लगे।दूसरे राज्यों से बनवा ली फर्जी डिग्री
पीटीआई भर्ती में बोर्ड ने सैकड़ों अभ्यर्थियों की डिग्री फर्जी होने की आशंका जताई है। इसका कारण यह था कि अभ्यर्थियों ने आवेदन के समय बीपीएड डिग्री होने की जानकारी नहीं दी, लेकिन बाद में दस्तावेज जांच के समय यूपी, चूरू सहित अन्य जगहों की यूनिवर्सिटी से 2019 की डिग्री लेकर लगा दी। पीटीआई भर्ती में एक साथ बड़ी संख्या में आवेदन आने पर फर्जीवाड़े की आशंका जताई गई थी।सारण से मिला था कनेक्शन, रोका था परिणाम
चयन बोर्ड ने पीटीआई भर्ती में 300 अभ्यर्थियों के परिणाम पर रोक लगाई थी। बोेर्ड ने सभी अभ्यर्थियों की डिग्रियों में खामियां मिली। बोर्ड ने अभ्यर्थियों से स्पष्टीकरण भी मांगा था। बोर्ड ने आशंका जताई थी कि 300 अभ्यर्थियों ने सैकंड ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मास्टर मांइड भूपेन्द्र सारण से बीपीएड की डिग्रियां बैकटेड में ली हैं। सारण के पास से पुलिस को यूपी और राजस्थान की यूनिवर्सिटी की फर्जी डिग्री और खेल सर्टिफिकेट मिले थे। बोर्ड ने करीब 13 यूनिवर्सिटी की डिग्री पर सवाल खड़े कर शिक्षा विभाग को पत्र लिखा था।हमने 1200 अभ्यर्थियों की सूची एसओजी को भेजी है। बोर्ड स्तर पर हम भी इनकी जांच कर रहे हैंं। 321 अभ्यर्थियों को ट्रेंस किया है, जिनका फर्जीवाड़ा सामने आया है। संख्या और भी बढ़ सकती है। हम इनके खिलाफ कार्रवाई करेंगे।
अलोक राज, चेयरमैन, राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड
एसओजी में फर्जी डिग्री और नकल मामले में दर्ज मुकदमों से संबंधित आरोपियों की जानकारी संबंधित यूनिवर्सिटी से मांगी है। कुछ यूनिवर्सिटी ने जानकारी दी, लेकिन कुछ ने अभी तक जानकारी उपलब्ध नहीं करवाई है।
परिस देशमुख, डीआइजी, एसओजी राजस्थान