scriptउदयपुर नव संकल्प शिविरः 180 दिन की थी बात, 400 दिन बाद भी नहीं बनी बात | Formulas of Udaipur Declaration were not implemented in Rajasthan | Patrika News
जयपुर

उदयपुर नव संकल्प शिविरः 180 दिन की थी बात, 400 दिन बाद भी नहीं बनी बात

– संगठन के रिक्त पदों को भरने के लिए दिया गया था 180 दिन का समय, बीते साल मई में उदयपुर में हुआ था कांग्रेस का नव संकल्प शिविर

जयपुरJun 21, 2023 / 08:59 pm

firoz shaifi

pcc_jaipur.jpg

जयपुर। उदयपुर में बीते साल हुए कांग्रेस के नव संकल्प शिविर में संगठनात्मक तौर पर सुधार के लिए कई बड़े संकल्प लिए गए थे। इन संकल्पों को पार्टी में लागू करने के लिए कहा गया था, लेकिन एक साल बीतने के बावजूद भी शिविर में लिए गए नव संकल्पों के मुताबिक प्रदेश में कांग्रेस संगठन तैयार नहीं हो पाया। मंडल स्तर को छोड़कर कई बड़े संकल्प अधर झूल में हैं। ये कब तक लागू होंगे इस पर पार्टी नेता ही चुप्पी साधे हुए हैं, जबकि इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। इन संकल्पों में संगठनात्मक नियुक्तियों में 50 फीसदी पदाधिकारी 50 साल के कम उम्र के साथ ही एससी-एसटी, ओबीसी, माइनोरिटी और महिलाओं को प्रतिनिधित्व जैसे फॉर्मूले भी हैं।

180 दिन में खड़ा करना था संगठन

दरअसल उदयपुर शिविर में लिए गए नवसंकल्पों के मुताबिक सभी राज्यों को 180 दिन में मंडल, ब्लॉक, जिला और प्रदेश स्तर पर संगठन में रिक्त पदों को भरने के साथ ही संगठन को मजबूत करने का लक्ष्य दिया गया था, लेकिन एक साल बीतने के बावजूद मंडल और ब्लॉक स्तर पर ही नियुक्तियां कर पाए हैं। हालांकि अधिकांश मंडल स्तर और ब्लॉक स्तर पर कार्यकारिणी की नियुक्तियां अभी भी नहीं हो पाई हैं वहीं 39 जिलाध्यक्षों में से 26 जिलाध्यक्षों के पद पिछले ढाई साल से खाली पड़े हैं। इसके अलावा विभिन्न विभाग और प्रकोष्ठ भी लंबे समय से रिक्त चल रहे हैं।

एक व्यक्ति एक पद सिद्धांत फॉर्मूला अभी भी बेअसर

शिविर में लिए गए प्रमुख नवसकंल्पों में से एक फॉर्मूला ‘एक व्यक्ति एक पद’ सिद्धांत भी हैं, लेकिन अभी तक प्रदेश कांग्रेस में यह फॉर्मूला बेअसर ही रहा है। पीसीसी में 25 से ज्यादा नेता ऐसे हैं जो सत्ता और संगठन में अलग-अलग पदों पर हैं।

इन प्रमुख नवसंकल्पों को भी लागू होने का इंतजार

-एक परिवार में एक टिकट।

– 5 वर्षों से अधिक कोई भी व्यक्ति एक पद पर नहीं रहेगा।

– किसी परिवार में दूसरा सदस्य राजनीतिक तौर से सक्रिय है तो पांच साल के संगठनात्मक अनुभव के बाद ही उसे टिकट के लिए पात्र माना जाएगा।

Hindi News / Jaipur / उदयपुर नव संकल्प शिविरः 180 दिन की थी बात, 400 दिन बाद भी नहीं बनी बात

ट्रेंडिंग वीडियो