Former CM Ashok Gehlot: राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भाजपा और आरएसएस पर केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है। गहलोत ने UGC के नए ड्राफ्ट प्रावधानों पर सवाल उठते हुए इन नियमों को उच्च शिक्षा को बर्बाद करने वाला बताया है।
गहलोत ने एक्स पर लिखा कि BJP-RSS का 10 साल से पूरा प्रयास रहा है कि वह देश के तमाम संस्थानों पर दबाव बनाकर उन्हें अपने कब्जे में कर ले। आज ED, CBI, इनकम टैक्स, दिल्ली पुलिस समेत तमाम केन्द्रीय एजेंसियां तथा चुनाव आयोग जैसे स्वतंत्र संगठन भी सरकार के इशारे पर ही काम कर रहे हैं।
ज्यूडिशियरी पर दबाव
इसी सरकार के कार्यकाल में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों तक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह कहा कि ज्यूडिशियरी पर दबाव है। पूरा देश इन संस्थानों की इस पक्षपातपूर्ण कार्यशैली को लेकर चिंतित है एवं कल राहुल गांधी द्वारा इसी परिपेक्ष्य में दिया गया बयान पूरी तरह उचित है।
डराने के लिए हो रहा ED का इस्तेमाल
अशोक गहलोत ने आगे लिखा कि RSS की मंशा शुरुआत से ही सरकार में शामिल होकर उसका अंग बनना चाहता है। इसलिए वो आजादी की लड़ाई में भारत की जनता के साथ ना रहकर अंग्रेजी सरकार के साथ रहे। ऐसा लगता है कि अब भी RSS-भाजपा का एजेंडा सभी संस्थानों पर कब्जा कर उनका इस्तेमाल विपक्ष एवं जनता के विरुद्ध करने का है।
कल सुप्रीम कोर्ट ने ED से संबंधित एक मामले में टिप्पणी की थी कि ED की मंशा केवल लोगों को आरोपी बनाकर जेल में बन्द रखने की है। इस टिप्पणी से स्पष्ट है कि ED का इस्तेमाल केन्द्र सरकार जनता को डराने के लिए कर रही है।
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राहुल गांधी के बयान का किया जिक्र
गहलोत ने लिखा कि राहुल गांधी का बयान देशवासियों को ऐसी गंभीर स्थिति के बारे में चेताने वाला है। इस बयान को तोड़-मरोड़ कर भाजपा नेता केवल महंगाई, बेरोजगारी जैसे मूल मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने एवं मीडिया के माध्यम से उनकी छवि धूमिल करने का प्रयास कर रहे हैं।
गहलोत ने लिखा कि ऐसा लगता है कि UGC की तरफ से विश्वविद्यालयों में कुलपति और शैक्षणिक स्टाफ की नियुक्ति के लिए बनाया गया नियमों का ड्राफ्ट RSS विचारकों को विश्वविद्यालयों में स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए बनाया गया है।