बता दें कि कोई भी नई सरकार बनती है तो उसे अपना बजट पेश करना होता है। राजस्थान में हमेशा सरकार का गठन दिसम्बर माह में ही होता है। जबकि 1 अप्रैल से नया वित्तीय वर्ष शुरू होता है। ऐसे में कुछ महीनो के लिए सरकारी कर्मचारियों के वेतन, पेंशन और अन्य सरकारी कार्यों के लिए राजकोष की जरूरत होती है। ऐसे में प्रावधान के अनुसार सरकार 3 महीने के लिए लेखानुदान प्रस्तुत करती है। जिसे विधानसभा से मंजूरी लेनी होती है।
माना जा रहा है कि बजट लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर ही पेश किया जाएगा। लेखानुदान में पूर्णकालिक बजट की छाया दिखाई दे सकती है। महिलाओं के लिए खजाना खुल सकता है। जबकि युवाओं के लिए नौकरियों की घोषणाएं हो सकती है। इसके साथ चुनाव के बीच आम और ख़ास को देखते हुए पेट्रोल-डीजल पर लगाने वाले वेट को लेकर घोषणा हो सकती है।