1-फसल कटाई प्रयोगों का सम्पादन निर्धारित दिशा-निर्देशों के अनुसार ही किया जाए। जिससे बीमा कम्पनियों द्वारा आपत्तियां न हो।
2-बीमा कम्पनी प्रतिनिधियों एवं जिले के अधिकारियों के साथ नियमित साप्ताहिक बैठक होगी। ताकि फसल कटाई प्रयोगों के दौरान आने वाली आपत्तियों का निस्तारण हो सके।
3-क्रॉप कटिंग में कम से कम आपत्तियां दर्ज हों, जिससे किसानों को फसल बीमा क्लेम समय पर मिल सके।
4– क्रॉप सर्वे ज्यादा से ज्यादा डिजिटल करवाया जाए।
5-फसल कटाई प्रयोगों की गोपनीयता बरकरार रखें। सीसीई प्रक्रिया की पूर्ण वीडियोग्राफी व फोटोग्राफी की जाए। जिससे फसल के साथ की जाने वाली छेड़छाड़ का मालूम पड़ सके।
6-थ्रेसिंग के दौरान किसी प्रकार की अनियमितता न बरती जाए।
7-जिलों के अधिकारियों द्वारा फसल कटाई प्रयोग शत-प्रतिशत ऑन-लाइन करवाए जाए।
8 -इस दौरान बीमा कम्पनी प्रतिनिधि का सह-पर्यवेक्षक आवश्यक रूप से उपस्थित रहे।
9- फसल कटाई प्रयोगों के कार्यक्रम के बारे में बीमा कम्पनियों के प्रतिनिधियों को सूचित करें एवं कार्यक्रम में संशोधन की दशा में कम्पनी को लिखित में तुरन्त सूचित करें।
10-फसल कटाई प्रयोग सम्पादन प्रक्रिया में खेत या प्लॉट निर्धारण, गीला एवं सूखा वजन लिए जाने सम्बन्धी वीडियो लिए जाएं।