मक्का की पैदावार में बढ़ोतरी, कीमतें आई जमीन पर…अभी और गिरेंगे दाम
छह महीनों में 67.07 लाख टन का आयात
नवंबर 2021 से अप्रेल 2022 तक के छह महीनों में देश में खाद्य तेलों का आयात 67.07 लाख टन का हुआ था। जो नवंबर, 2022 से अप्रेल 2023 तक रिकॉर्ड बढ़त के साथ लगभग 81.1 लाख टन हो गया। इसकी मुख्य वजह सूरजमुखी तेल के दाम में भारी गिरावट आना है। सबसे सस्ता खाद्य तेल होने के कारण मार्च 2023 के मुकाबले अप्रेल में सूरजमुखी तेल का आयात लगभग 68 प्रतिशत बढ़ा है। सरकारी खरीद के बावजूद इस बार सरसों की फसल नहीं खपी है और किसानों के साथ-साथ देश का तेल उद्योग हैरान परेशान है। इसी कारण इस बार तिलहन फसल का रकबा 10.85 लाख हेक्टेयर के मुकाबले घटकर 9.96 लाख हेक्टेयर रह गया है।
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40 फीसदी सरसों तेल पेराई मिलें बंद
चतर ने कहा कि किसानों को एमएसपी से नीचे भाव पर सरसों बेचनी पड़ रही है। लगभग 40 फीसदी सरसों तेल पेराई मिलें बंद हो चुकी है। सरकार को जल्द से जल्द आयातित खाद्य तेलों पर आयात शुल्क बढ़ाना चाहिए।