सुरेठी निवासी किसान छोटीलाल, पूरणमल, धारासिंह, महेंद्र कुमार आदि किसानों ने बताया कि बड़े सपने संजोकर टमाटर की फसल बोई थी कि पिछले बार की तरह अबकी बार भी टमाटर की फसल में लाखों की कमाई होगी। जिससे परिवार का लालन पालन हो सके। लेकिन टमाटर के भाव इस कदर गिरे हुए है कि खेत में टमाटर की तुड़ाई के पैसे भी नहीं मिल रहे है।
टमाटर की फसल को मंडी में ले जाते है तो या बिकता नहीं है या फिर 4 से 5 रुपए के भाव बिकता है। जिससे तुड़ाई, किराया भाड़ा नहीं निकल रहा है। कई बार तो जब मंडी में टमाटर नहीं बिकता है तो गाड़ी में वापस लाकर जानवरों के लिए सड़क किनारे बिखेरना पड़ रहा है। क्योंकि मंडी में भी बिखरने के लिए जगह नहीं मिलती है। ऐसे में किसानों ने जो सपने संजोए थे उन पर पानी फिरता नजर आ रहा है।
पिछले वर्ष किसानों ने दो बीघा में टमाटर की फसल में अच्छा मुनाफा कमाया था। जिससे परिवार की जरूरतें अच्छे से पूरी हो गई थी। इस बार टमाटर की फसल के गिरते भावों को लेकर किसानों के हालात खराब दिखाई दे रहे है और फसलों में नुकसान के चलते परिवार के पालन पोषण की चिंता सताने लगी है। कई किसान तो खेतों को ठेके में लेकर खेती बाड़ी करते है। अब जमीन मालिकों को वार्षिक तय रकम भी देने में परेशानी का सामना करना पड़ेगा।